e-Shram: श्रमिकों के खातों में आएंगे 1000 रुपये, 1.5 करोड़ कामगारों को मिलेगा भरण पोषण भत्ता
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सोमवार यानी आज डेढ़ करोड़ श्रमिकों को एक हजार रुपये की राशि उनके खाते में भेजगी। प्रदेश में कुल पंजीकृत कामगारों की संख्या 5,09,08,745 करोड़ (पांच करोड़ 90 लाख आठ हजार 745) है। इसमें से ई श्रम पोर्टल पर पंजीकृत असंगठित कामगारों की संख्या 3,81,60,725 और बीओसी डब्लू बोर्ड के अंतर्गत कुल पंजीकृत कामगारों की संख्या 1,27,48,020 है। इनमें से पहले चरण में डेढ़ करोड़ कामगारों के खाते में भरण पोषण भत्ता भेजा जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले भी श्रमिकों, स्ट्रीट वेंडरों, रिक्शा चालकों, कुलियों, पल्लेदारों आदि को भरण पोषण भत्ता ऑनलाइन उपलब्ध कराया है। उत्तर प्रदेश को देश का पहला राज्य बनाने का काम किया था। जिसके बाद कई राज्यों ने भी योगी सरकार की व्यवस्था को लागू किया।

किसे मिलेगा?
इसमें सड़क के किनारे रेहड़ी,खोमचा लगाने वाले,रिक्शा और ठेला चालक, नाई, धोबी, दर्जी, मोची, फल और सब्जी विक्रेता आदि शामिल हैं। इसके अलावा एक बड़ा वर्ग उन श्रमिकों का है जो निर्माण कार्य से जुड़े हैं। कोरोना के पहले संक्रमण के दौरान भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगे आकर समाज के इस सबसे वंचित वर्ग की हर संभव मदद की थी।

दूसरे चरण में भी यह सिलसिला जारी रहेगा। कोविड महामारी के बीच जीवन और जीविका को सुरक्षा को सुनिश्चित करने के प्रयासों के क्रम में शहरी क्षेत्रों में दैनिक रूप से कार्य कर अपना जीविकोपार्जन करने वाले ठेला, खोमचा, रेहड़ी, खोखा आदि लगाने वाले पटरी दुकानदारों, दिहाड़ी मजदूरों, रिक्शा/ई-रिक्शा चालक, पल्लेदार सहित नाविकों, नाई, धोबी, मोची, हलवाई आदि जैसे परम्परागत कामगारों को भरण-पोषण भत्ता प्रदान किया था।
ऐसा करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य
योगी सरकार ने विगत वर्ष कोविड काल में सरकार ने रिक्शा चालकों, पटरी व्यवसायियों, निर्माण श्रमिकों, अंत्योदय श्रेणी के लोगों व अन्य गरीब परिवारों को भरण-पोषण भत्ता व परिवार के प्रत्येक सदस्य को राशन प्रदान किया था। वहीं, उत्तर प्रदेश पहला राज्य था, जिसने श्रमिकों, स्ट्रीट वेंडरों, रिक्शा चालकों, कुलियों, पल्लेदारों आदि को भरण-पोषण भत्ता ऑनलाइन उपलब्ध कराया गया था।

बाद में कई राज्य सरकारों ने इसे अपने राज्यों में भी लागू किया। भरण-पोषण के रूप में उपलब्ध कराई गई धनराशि ने उनका जीवन बचाने का कार्य किया। संगठित क्षेत्र के श्रमिकों को दो बार तथा असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को एक बार भरण-पोषण भत्ता दिया गया। इसके साथ ही, राशन कार्ड बाध्यता समाप्त कर माह में दो बार, एक बार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना तथा दूसरी बार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से राशन उपलब्ध कराया गया।
500 रुपए प्रति माह देने की घोषणा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को प्रदेश के 1.50 करोड़ कामगारों को भरण पोषण भत्ता राशि देने का शुभारम्भ करेंगे। इसमें 500 रुपए प्रति माह के अनुसार दो महीने का एक हजार रुपए भत्ता दिया जायेगा।
इस तरह सरकार सोमवार को कामगारों और निर्माण श्रमिकों को कुल 1,500 करोड़ रुपए हस्तांतरित करेगी। इस योगी राज ने श्रमिकों को भरण पोषण भत्ता देकर देश में प्रदेश को पहले पायदान पर बैठाने का काम किया था।क्योंकि योगी सरकार से पहले देश के किसी प्रदेश ने इस व्यवस्था पर काम नहीं किया था।
जीवन और जीविका बचाने का काम
हालांकि इसके बाद कई राज्यों ने इस व्यवस्था को अपने यहां लागू किया। योगी सरकार एक बार फिर कोरोना काल में श्रमिकों और वंचित तबके की जीवन और जीविका बचाने का काम फिर शुरू करने जा रही है। वैश्विक महामारी कोरोना की मार से समाज का हर तबका प्रभावित रहा।
चूंकि दूसरी लहर पहले की तुलना में 30 से 50 गुना अधिक संक्रामक थी, लिहाजा इसका असर भी उसी अनुसार रहा। इसके साथ यह भी सच है कि समाज का सबसे वंचित तबका जिसके परिवार का गुजारा उसकी मुखिया की रोज की कमाई पर निर्भर करता है,वह इस अभूतपूर्व और अप्रत्याशित महामारी से सर्वाधिक प्रभावित रहा।