बिहार के लाल ने किया कमाल, पांच साल की कड़ी मेहनत से मिली एसएससी की बड़ी जॉब
5 साल की कड़ी मेहनत करने और 12 से 14 घंटे की पढ़ाई ने बिहार के एक लाल को सफलता दिला दी। सिर्फ पर्व पर ही घर जाने का दृढ़निश्चय। यह कहानी है रौशन की, जिनका चयन कैग में ऑडिटर के पद पर हुआ है।
दरअसल स्टाफ सेलेक्शन कमीशन(SSC) ने कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल परीक्षा 2020 का फाइनल रिजल्ट मंगलवार को ऑफिसियल वेबसाइट पर जारी किया गया। गया के आमस प्रखंड क्षेत्र के मंझौलिया गांव के निवासी रौशन कुमार मिश्रा ने इस परीक्षा में बाजी मारी है।

रिजल्ट के बाद पुरे घर में ख़ुशी का माहौल
रिजल्ट प्रकाशित होने एक बाद पूरे गांव में खुशी का माहौल है। समाज के लोग रौशन के घर पहुंच कर मिठाई खिला रहे हैं और उसे बधाइयां दे रहे हैं। परिवार वाले रौशन की सफलता से काफी खुश हैं।
मध्यम परिवार में जन्मे 25 वर्षीय रौशन ने माध्यमिक शिक्षा आमस हाई स्कूल से, इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की है। उन्होंने गया कॉलेज से पढ़ाई की है। स्नातक की पढ़ाई शेरघाटी के एसएमएसजी कॉलेज से पूरी की।

5 साल की कड़ी मेहनत
कॉलेज की पढ़ाई ख़त्म होने के बाद गया जाकर सरकारी नौकरियों की तैयारी शुरू कर दी। 5 साल की कड़ी मेहनत के बाद एसएससी सीजीएल परीक्षा में सफलता पाने के बाद पुरे गांव का नाम उन्होंने रौशन किया है।
रौशन के पिता मनोज मिश्रा की बात करें तोह वह पुजारी है जबकि माता गृहिणी है।
रौशन ने बताया कि इस उपलब्धि के पीछे उनके परिवार का बड़ा योगदान रहा है। वे बीते पांच साल से प्रिपरेशन कर रहे थे।
रोजाना करते थे 12 से 14 घंटे पढ़ाई
वे रोजाना 12 से 14 घंटे पढ़ाई किया करते थे। घर सिर्फ त्यौहारों में जाना होता था। डिजिटल पढ़ाई के द्वारा उन्होंने अपनी तैयारी को सही दिशा प्रदान किया। ऑनलाइन क्लास, ग्रुप डिस्कशन और यूट्यूब के माध्यम से उन्हें काफी लाभ हुआ।
रौशन आगे चलकर आईएएस बनकर समाजसेवा करना चाहते हैं। कैग ऑडिटर की पोस्ट पर चयनित होने के बाद इनके घर में खुशी का माहौल है। बड़े भाई शैलेश मिश्रा ने बताया रोशन पढ़ने में अव्वल था।
