Amazing Facts About Bihar: बिहार को खास बनाती है ये 6 अहम बातें, पढ़िए पूरी स्टोरी
बिहार पर अक्सर ध्यान राजनीति और विकास के मामले में पिछड़ेपन की खबरों को लेकर जाता है। लेकिन बिहार का अपना समृद्ध गौरवशाली इतिहास रहा है।
शिक्षा का केंद्र

प्राचीन काल में बिहार दुनिया भर के सीखने वालों के लिए शिक्षा का केंद्र था। पाटलिपुत्र भारतीय सभ्यता का गढ़ था तो नालंदा विश्वविद्यालय दुनिया की सबसे पुरानी यूनिवर्सिटी। नालंदा लाइब्रेरी ईरान, कोरिया, जापान, चीन, फारस से लेकर ग्रीस तक के पढ़ने वालों को आकर्षित करती थी। बख्तियार खिलजी की सेना ने इसमें आग लगा दी थी, जिसे बुझने में तीन महीने लगे थे।
कला की खान

सैंकड़ों साल पुरानी मिथिला पेंटिग आज बिहार समेत देश और विदेशों में भी प्रसिद्ध है। इसकी जन्मस्थली भी बिहार ही है। भारत के राष्ट्रीय प्रतीक चार सिंहों के सिर वाला अशोक चक्र कभी बिहार में स्थित अशोक स्तंभ से ही लिया गया गया।
धर्मों की जन्मस्थली

बौद्ध और जैन धर्मों का उदय बिहार में हुआ, गौतम बुद्ध और महावीर के फैलाए अहिंसा के सिद्धांत की शुरुआत भी यहीं हुई मानी जाती है। इसके अलावा सिख धर्म की जड़ें भी बिहार से जुड़ी हैं। सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह पटना में जन्मे थे।
भाषाएं और बोलियां

सबसे ज्यादा लोग हिन्दी बोलते समझते हैं। इसके अलावा भोजपुरी, मगही और मैथिली बोलियां भी खूब प्रचलित हैं। ऑफिसों, बैंकों, शिक्षा संस्थानों और कई प्राइवेट कंपनियों में अंग्रेजी भी बोली समझी जाती है। मैथिली में अच्छी खासी साहित्य रचनाएं हुई हैं। मैथिल कवि कोकिल कहे जाने वाले विद्यापति मैथिली के कवि और संस्कृत के बड़े विद्वान थे।
प्राचीन काल में मगध के नाम से जाना जाता था बिहार

बिहार प्राचीन काल में मगध कहलाता था और इसकी राजधानी पटना का नाम पाटलिपुत्र था। मान्यता है कि बिहार शब्द की उत्पत्ति बौद्ध विहारों के विहार शब्द से हुई जो बाद में बिहार हो गया। आधुनिक समय में 22 मार्च को बिहार दिवस के रूप में मनाया जाता है।
राज्य का इतिहास
बिहार में मौर्य, गुप्त जैसे राजवंशों और मुगल शासकों ने राज किया। 1912 में बंगाल के विभाजन के समय बिहार अस्तित्व में आया। फिर 1935 में उड़ीसा और 2000 में झारखण्ड बिहार से अलग होकर स्वतंत्र राज्य बने।

दुनिया का सबसे पहला गणराज्य बिहार में वैशाली को माना जाता है। भारत के चार महानतम सम्राट समुद्रगुप्त, अशोक, विक्रमादित्य और चंद्रगुप्त मौर्य बिहार में ही हुए।
