Araria Paxo Court created a national record

बिहार के अररिया पाक्सो कोर्ट ने बनाया राष्ट्रीय रिकॉर्ड, दुष्कर्मी को 4 दिनों में ही सुनाई सजा

बिहार में त्वरित फैसला देकर अररिया पाक्सो कोर्ट ने बनाया रिकार्ड। बिहार सरकार के अभियोजन निदेशालय ने पत्र जारी कर किया राष्ट्रीय रिकार्ड का दावा। पिछले महीने की 27 तारीख को स्पीडी ट्रायल के तहत पाक्सो एक्ट के विशेष न्यायालय के न्यायाधीश शशिकांत राय ने दुष्कर्मी मु. मेजर को फांसी की सजा सुनाई थी। चार दिनों में ही आरोप का गठन कर दुष्कर्मी को सजा दे दी गई। इस फैसले ने एक नया राष्ट्रीय रिकार्ड बनाया है।

बिहार सरकार के अभियोजन निदेशालय ने इसे लेकर भेजे गए अपने पत्र में कहा है, कि बिहार में चार दिन में एससी-एसटी व पाक्सो एक्ट में मृत्युदंड की सजा कराने का राष्ट्रीय रिकार्ड है। इससे पूर्व मध्य प्रदेश के कटनी में बच्ची से दुष्कर्म के मामले में पांच दिन में अभियुक्त को मृत्युदंड दिया गया था।

Araria POCSO Court made a record
अररिया पाक्सो कोर्ट ने बनाया रिकार्ड

न्यायाधीश शशिकांत राय के न्यायालय में 22 जनवरी को आरोप का गठन किया गया। 24 जनवरी को अभियोजन साक्ष्य बंद किया गया व 25 को दोनों पक्षों की बहस न्यायालय द्वारा सुनी गई। इसी दिन अभियुक्त को दोषी करार दिया गया। 27 जनवरी को अभियुक्त मु. मेजर को मृत्युदंड की सजा दी गई।

क्या था मामला?

एक दिसंबर, 2021 को भरगामा में एक छह वर्षीया बच्ची के साथ मु. मेजर ने दुष्कर्म किया था। बच्ची अपने घर के दरवाजे पर खेल रही थी। पानी मांगने के बहाने मेजर उसे उठाकर खेत में ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया।

रात में किसी प्रकार लहूलुहान अवस्था में पीडि़ता घर पहुंची और अपनी मां को आपबीती सुनाई। अगले दिन महिला थाने में मामला दर्ज किया गया। 12 दिसंबर को मु. मेजर की गिरफ्तारी हुई थी। मेजर पर पूर्व से भी दुष्कर्म के दो मामले दर्ज थे।

सबने की फैसले की सराहना

वरीय अधिवक्ता विनय कुमार ठाकुर का कहना है कि स्पीडी ट्रायल के तहत सुनाई गई यह सजा समाज के लिए बड़ा संदेश है। वरीय अधिवक्ता नरेंद्र कुमार झा का कहना है, कि मामले के त्वरित निष्पादन से लोगों के मन में न्याय की उम्मीद बढ़ी है। यह एक सार्थक पहल है।

समाजशास्त्र के सेवानिवृत्त प्रोफेसर सुबोध ठाकुर कहते हैं, कि न्यायालय के त्वरित फैसले से संदेश गया है कि ऐसे जघन्य अपराधों के लिए समाज में कोई जगह नहीं है। इससे अपराध करने से पहले अपराधी 100 बार सोचेगा

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