बिहार: मुख्यमंत्री के सामने छलका BA के स्टूडेंट का दर्द, कहा-इसलिए हम जैसे बच्चे छोड़ देते है पढाई
बिहार के विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों का भविष्य अंधकार में है। यहां नियमित रूप से पठन-पाठन तो दूर की बात है, समय पर परीक्षा और रिजल्ट तक जारी नहीं किया जा रहा है। स्थिति ये हो गई है कि स्नातक के तीन वर्षीय कोर्स को पूरा करने में छात्रों को पांच साल लग रहे हैं।
जो डिग्री तीन साल में छात्रों को मिल जानी चाहिए, उसके लिए दो साल और इंतजार करना पड़ रहा है। अब यह मामला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार (CM Nitish Kumar Janta Darbar) तक पहुंच गया है। बीए पार्ट-1 के एक छात्र का दर्द मुख्यमंत्री के सामने छलक उठा।

अब तक जारी नहीं किया गया रिजल्ट
कैमूर जिले से अखिलेश कुमार सोमवार को सीएम के जनता दरबार में पहुंचा था। उसने बताया कि वह वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा (Veer Kunwar Singh University Arrah) के बीए पार्ट-1 का छात्र है।

पार्ट-1 में दाखिला उसने साल 2020 में लिया था, लेकिन अब तक रिजल्ट जारी नहीं किया गया है। जब साल भर के एक सत्र को पूरा करने में दो साल का समय लगेगा तो तीन साल के कोर्स को पूरा करने में छह साल का समय लग जाएगा।
राज्य के ज्यादातर विश्वविद्यालयों में सत्र लेट
इससे हम बच्चों का समय बर्बाद हो रहा है। जिनके परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर है, वे इसी लिए आगे की पढाई छोड़ देते हैं सर। सीएम ने छात्र की समस्या को ध्यान से सुना इसके बाद उसे शिक्षा विभाग के पास भेज दिया।
दरअसल, राज्य के ज्यादातर विश्वविद्यालयों में सत्र लेट चल रहा है। इससे छात्रों को तरह-तरह की परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कई विवि ऐसे हैं, जहां स्नातक और पीजी में दाखिला की प्रक्रिया दो सत्र तक लंबित है।

छात्रों को अगर समय पर डिग्री नहीं मिलेगी तो वे आगे की पढ़ाई कैसे करेंगे? छात्रों को इसके लिए खामियाजा भुगतना पड़ता है। कई बार इसको लेकर छात्र आवाज उठा चुके हैं, लेकिन अब तक इस समस्या को हल करने के लिए ठोस रणनीति नहीं बन सकी है।
