Banana Man of Bihar is leaving the job and doing banana cultivation

बिहार के बनाना मैन जॉब छोड़कर कर रहे केले की खेती, जाने कैसे कमा रहे 10 लाख सालाना?

इन दिनों खेती को लेकर लोगों की सोच बदल रही है। कई युवा नए तरीके से खेती कर इसे फायदे का बिजनेस बना रहे हैं। बाकी लोगों को प्रेरणा भी दे रहे हैं। बिहार के सारण जिले के किसान रामेश्वर सिंह की भी गिनती ऐसे ही लोगों में है। उन्हें इलाके में ‘बनाना मैन‘ के नाम से लोग जानते हैं। खेती से रामेश्वर सिंह को इतना लगाव था कि उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी। वे पेट्रोलियम विभाग में जॉब करते थे।

जब वो गांव पहुंचे तो केले की खेती करने लगे। लेकिन, पारंपरिक तरीके से खेती करना छोड़ दिया। जैविक विधि के जरिए केले की खेती ने उन्हें फायदा पहुंचाया। वे बनाना मैन हो गए। केले की खेती से रामेश्वर सिंह को सालाना करीब 10 लाख की कमाई हो रही है।

Banana Man of Bihar is leaving government job and doing banana farming
बिहार के बनाना मैन सरकारी नौकरी छोड़कर कर रहे केले की खेती

लोग उड़ाते थे मजाक

बनियापुर प्रखंड के हरपुर कराह के रहने वाले किसान रामेश्वर सिंह जब गांव पहुंचे तो उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ा था। सबसे पहले तो लोग उनका मजाक उड़ाते थे। कई यहां तक कहते थे कि शहर छोड़कर गांव आया है।

Rameshwar Singh started banana cultivation
रामेश्वर सिंह ने शुरू की केले की खेती

लेकिन, रामेश्वर सिंह ने सामाजिक उपहास से हार नहीं माना। उन्होंने केले की खेती की शुरुआत की। लेकिन, शुरुआत से ही उन्होंने तरीका को बिल्कुल अलग रखा। क्योंकि, पारंपरिक तौर पर जो लोग इसकी खेती करते थे। उन्हें नुकसान भी काफी होता था। लागत भी ज्यादा बैठती थी।

उत्पादन और स्वाद दोनों बेहतर

रामेश्वर सिंह ने जैविक खेती का रास्ता अपनाया। पहले इसे ट्रायल के तौर पर कम जगह में किया। फिर रिजल्ट बेहतर होने पर जैविक खेती को ही आधार बना लिया। जैविक खाद से कम लागत में ज्यादा मुनाफा होने लगा।

साथ ही केला का स्वाद और उत्पादन भी बेहतर हो गया। किसान रामेश्वर सिंह के मुताबिक जैविक विधि वाले केले की ज्यादा मांग होती है। साथ ही यह खराब भी जल्द नहीं होता है। इससे उपज होने के बाद इसकी बर्बादी कम होती है।

सीजन में दो बार खेती

Cultivation of banana twice a season in the same field
एक ही खेत में सीजन में दो बार केले की खेती

पारंपरिक तौर पर केले की खेती करने वाले किसान साल में एक ही उपज का फायदा उठा पाते हैं। लेकिन, रामेश्वर सिंह साल में दो बार एक ही खेत में केले की खेती कर लेते हैं। सामान्य तौर पर 6 फीट की दूरी पर केला के फसल की बुआई होती है।

लेकिन जैविक विधि से खेती करने पर 3 फीट पर फसल उपजाया जा सकता है। विशेष शोध के बाद फसल के लायक 3 फीट पर केले की बुवाई होती है, जिससे दो फसल की उपज होती है। इस तरह से भी खेती करने से किसान रामेश्वर सिंह को काफी फायदा हुआ।

स्थानीय बाजार में बन गए ब्रांड

सारण प्रमंडल के कृषि विशेषज्ञ भी रामेश्वर सिंह की खेती को देखने आते हैं। स्थानीय मार्केट में तो इनकी अलग पहचान ही है। लोगों ने इसका नाम ‘रामेश्वर भाई का केला‘ रख दिया है। यह नाम एक ब्रांड बन गया है। त्योहारों पर रामेश्वर भाई के केले की विशेष मांग रहती है।

मीडिया  से बातचीत करते हुए धनंजय सिंह ने बताया कि खेती भी फायदे का बिजनेस अब बन रहा है। लोगों को मॉडर्न तकनीक को खेती में शामिल करना होगा। उन्होंने कहा कि खेती शुरू करने से पहले यह भी जांच करनी चाहिए कि मिट्टी किस तरह की है। किसी फसल के लिए मिट्टी का उसके लायक होना जरूरी होता है।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *