bihar book fair 2022

पटना: दो दिसंबर से लगेगा ‘पुस्तक मेला’, तीन साल बाद होगा आयोजन

बिहार राजधानी पटना पुस्तक मेले का आयोजन तीन वर्ष के बाद फिर से एक बार होने जा रहा है। इस वर्ष मेले की थीम ‘मोबाइल छोड़िए, किताब पढ़िए’ है। जानिए इससे जुड़ी सभी जानकारी।

सेंटर फॉर रीडरशिप डेवलपमेंट (सीआरडी) द्वारा शहर के गांधी मैदान में 2 से लेकर 13 दिसंबर तक इसका आयोजन होगा। इस वर्ष के थीम के अनुसार पाठकों को पुस्तक संस्कृति से जोड़ने की कोशिश होगी।

2 से लेकर 13 दिसंबर तक होगा आयोजन

book fair Will be organized from 2 to 13 December
पुस्तक मेले का आयोजन 2 से 13 दिसम्बर तक किया जायेगा

पटना पुस्तक मेले के संयोजक अमित झा के अनुसार मेले का उद्घाटन दो दिसंबर को दोपहर तीन बजे होगा। उन्होंने पुस्तक मेले को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को भी संबोधित किया।

इसमें उन्होंने कहा कि पटना पुस्तक मेला का परिसर तीन साल बाद फिर से तैयार है। पुस्तक मेले की तैयारी अब अंतिम चरण में है। इसमें देश के प्रतिष्ठित साहित्यकार, लेखक, कवि और पत्रकार शामिल होने वाले हैं।

प्रवेश द्वार का नाम पाटलिपुत्र 

इस वर्ष मुख्य प्रवेश द्वार का नाम पाटलिपुत्र द्वार रखा गया है और मुख्य मंच बोधगया मंच, प्रशासनिक भवन का नाम राजगृह प्रशासनिक भवन, सेमिनार हॉल का नाम नालंदा रखा गया है।

इस बार मेला परिसर में तीन ब्लॉक देखे जाएंगे, इन ब्लॉकों में सीतामढ़ी ब्लॉक, मधुबनी ब्लॉक, भागलपुर ब्लॉक शामिल है। पटना पुस्तक मेला में कई सांस्कृतिक और साहित्यिक कार्यक्रम भी होंगे साथ ही कई पुस्तकों का विमोचन होगा।

कई कार्यक्रमों का होगा आयोजन

पटना पुस्तक मेला में शब्द साक्षी, जनसंवाद और गुफ्तगू कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है। शब्द साक्षी कार्यक्रम में हृषीकेश सुलभ से अंचित, अरुण कमल से राकेश रंजन, उषाकिरण खान से भावना शेखर, विनय कुमार से नताशा, अवधेश प्रीत से मो दानिश, आलोक धन्वा से नरेंद्र कुमार बातचीत करेंगे। गुफ्तगू कार्यक्रम के तहत विनोद अनुपम, गिरिधर झा सिनेमा पर गपशप करेंगे।

नई शिक्षा निति पर होगी चर्चा

‘जनसंवाद’ कार्यक्रम के द्वारा नई शिक्षा निति के विषय पर डॉ चंद्रदीप और मनीष वर्मा चर्चा करेंग। ‘नयी किताब’ विषय पर पूनम सिंह, रमेश ऋतंभर, सीमा संगसार और अरुण नारायण के साथ परिचर्चा इस कार्यक्रम में होनी है।

पुस्तकों का यह संसार करीब 70 हजार वर्गफुट में होगा। इससे प[पहले हुए पुस्तक मेले की तुलना में यह स्पेस करीब आधा है। इस बार पूर्व से इसमें प्रमुख रूप से प्रभात प्रकाशन, राजकमल, वाणी प्रकाशन, प्रतियोगिता दर्पण, नेशनल काउंसिल फॉर प्रमोशन ऑफ उर्दू लैंग्वेज आदि शामिल होंगे।

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