मिठाई बेचने वाले की बेटी बनी सेकंड टॉपर, 500 में से मिले 486 अंक, बनना चाहती है डॉक्टर
बिहार में मैट्रिक परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया गया है। इस परीक्षा में कुल 12,86,971 परीक्षार्थी उतीर्ण हुए हैं। इनमें कुल उतीर्ण छात्र 6,78,110 और कुल उतीर्ण छात्रा 6,08,861 है। टॉप 5 में 4 छात्राओं ने जगह बनाई है। प्रथम श्रेणी में कुल 4,24,597, द्वितीय श्रेणी से 5,10,411 और तृतीय श्रेणी से 3,47,637 परीक्षार्थी पास हुए हैं।
मैट्रिक परीक्षा में प्रोजेक्ट गर्ल्स हाई स्कूल रजौली नवादा की सानिया कुमारी सेकेंड टॉपर बनी हैं। जबकि बिहार टॉपर रामायणी को 500 में 487 नंबर मिले हैं। नवादा की सानिया और विवेक ठाकुर जो कि दूसरे स्थान पर हैं, दोनों को 500 में 486 नंबर मिले हैं। सानिया के साथ-साथ मधुबनी के रहने वाले विवेक ठाकुर दूसरे स्थान पर हैं।

सफलता का श्रेय पूरे परिवार को
सानिया के पिता उदय प्रसाद कंधवे रजौली में मिठाई की दुकान चलाते हैं। अपनी इतनी बड़ी सफलता का श्रेय सानिया ने अपने पूरे परिवार को दिया है। सानिया ने बताया कि उसे पढ़ाई में आस पास के लोगों ने भी मदद की।

सानिया ने बताया कि रजौली में ही निजी विद्यालय से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त की। फिर प्रोजेक्ट कन्या इंटर विद्यालय रजौली से मैट्रिक की परीक्षा दी। 4 भाई-बहनों में सबसे छोटी सानिया की इस उपलब्धि पर परिवार में खुशी का माहौल है।
डॉक्टर बनने की ख्वाहिश
बेटी की इतनी बड़ी सफलता पर खुशी जताते हुए सानिया के पिता ने कहा कि बेटी आगे जो चाहती है वही करे। सानिया ने डॉक्टर बनने की ख्वाहिश जताई है। मीडिया से बातचीत में पिता खुशी से रो पड़े और ज्यादा कुछ बोल नहीं पाये। मां किरण देवी भी खुश से भावुक हो गई और ज्यादा कुछ बोल नहीं पाई।

सानिया ने बताया कि उसे पूरी उम्मीद थी कि परीक्षा में बेहतरीन उपलब्धि हासिल होगी। हालांकि गणित में 4 अंक कम प्राप्त हुए हैं। इस विषय में पूरे सौ नंबर आना चाहिए था। परीक्षा देकर घर लौटने पर प्रश्न व उत्तर का मिलान किया था, जिसमें शत-प्रतिशत सही लिखकर आई थी।
बेटी ने बढ़ाया राज्य भर में परिवार का मान
सानिया की मां किरण देवी गृहिणी हैं। उन्होंने बताया कि आगे चलकर सानिया की डॉक्टर बनने की तमन्ना है, ताकि समाज की सेवा कर सके। पिता उदय प्रसाद की आंखों से खुशी के आंसू छलक पड़े। बेटी को गले लगाकर बधाई दी और मिठाई भी खिलाई।
उन्होंने कहा कि बेटी ने राज्य भर में परिवार का मान बढ़ाया है। आज वह खुद को काफी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। बेटी ने सपने को साकार किया है और आगे चलकर निश्चित ही अपने मुकाम को हासिल करेगी।