Bihar will open plastic processing unit and gobar gas plant here

बिहार में यहाँ खुलेगा प्लास्टिक प्रोसेसिंग यूनिट और गोबर गैस प्लांट, जाने फायदा

बिहार के पूर्णिया जिले में प्लास्टिक प्रोसेसिंग यूनिट के साथ गोबर गैस का प्लांट भी खोलने की तैयारी की जा रही है। बनमनखी के अंचलाधिकारी अर्जुन विश्वास ने जानकारी दी कि राधानगर वार्ड नंबर 14 में प्लास्टिक-कचरा प्रोसेसिंग यूनिट और गोबर गैस प्लांट खुलने की मंजूरी मिल गई है।

अधिकारियों ने स्थल निरीक्षण कर जायजा लिया। उन्होंने बतया प्लास्टिक प्रोसेसिंग यूनिट और गोबर गैस के प्रोसेसिंग प्लांट बनने से आम लोगों को रोशनी के साथ साथ खाना बनाने के लिए गैस की जरूरत भी पूरी होगी। इसके टेंडर की प्रक्रिया 2023 के मार्च तक पूरी हो जाएगी।

गैस प्लांट से पकेगा खाना

CO अर्जुन विश्वास ने जानकारी दी कि राधानगर के वार्ड नंबर 14 में प्लास्टिक प्रोसेसिंग प्लांट और गोबर गैस प्लांट बनने से यहां के स्थानीय लोगों काफी लाभ मिलेगा। कचरा और गोबर से गैस बनेगा।

जिससे स्थानीय लोगों को रोशनी की सुविधा मिलेगी। साथ ही स्थानीय लोगों को खाना बनाने के गैस की जरूरत भी पूरी होगी। कचरों से वर्मी कंपोस्ट बनेगा जिसे किसानों को लाभ मिलेगा।

गोवर्धन योजना अंतर्गत बनेगा प्लांट

बनमनखी प्रखंड के राधानगर वार्ड नंबर 14 धरहरा पंचायत में गोवर्धन योजना एवं प्लास्टिक प्रोसेसिंग यूनिट के लिए अधिकारियों के द्वारा चयनित स्थल का जायजा लिया गया। मौके पर उपस्तिथ सभी पदाधिकारी ने बताया कि गोवर्धन योजना एवं प्लास्टिक प्रोसेसिंग यूनिट के अंतर्गत यह दोनों प्लांट बनाये जाएंगे।

2 kg of methane gas will be prepared from 1 kg of cow dung
1 किलो गोबर से तैयार होगा 2 किलोग्राम मिथेन गैस

चयनित स्थल का निरीक्षण बनमनखी प्रखंड विकास पदाधिकारी सरोज कुमार, अंचलाधिकारी अर्जुन कुमार विश्वास मनरेगा कार्यक्रम पदाधिकारी रविंद्र कुमार ताती द्वारा बारिकी से चयनित जगह का जायजा लिया।

मार्च 2023 के पहले पूरी होगी टेंडर प्रक्रिया 

बनमनखी के अंचलाधिकारी अर्जुन विश्वास ने कहा की इस कार्य के लिए मार्च के पहले सप्ताह तक टेंडर प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। एजेंसी का चयन किए जाने के बाद प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित करने के लिए एजेंसी चयनित स्थानों पर जल्द से जल्द कार्य शुरू करेगी।

1 किलो गोबर से 2 किलोग्राम मिथेन गैस

तकनीकी विशेषज्ञों का कहना है कि 1 किलो गोबर से 2 किलोग्राम मिथेन गैस तैयार होगा, पर यह तभी संभव है जब गोबर से गैस बनाने की प्रोसेसिंग सही तरीके से की जाए। प्रोसेसिंग के लिए सभी प्लांटों पर तकनीकी विशेषज्ञ मौजूद होंगे, जो गैस उत्पादन से लेकर सिलेंडर में रिफिलिंग तक का काम की देख रेख करेंगे।

प्रोसेसिंग प्लांट से निकले कचरे से वर्मी कंपोस्ट बनाया जाएगा। जिससे किसानों को लाभ होगा। किसानों के द्वारा खेतों में ज्यादा से ज्यादा रसायन खाद उपयोग करने से जमीन बंजर होती जा रही है।किसान अपने खेतों में वर्मी कंपोस्ट का उपयोग कर पाएंगे, जिससे खेती अच्छी होगी।

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