बिहार में सात फेरे लेने के तुरंत बाद दुल्हन ने दी परीक्षा, कमरे के बाहर इंतजार करता रहा दूल्हा
बिहार में सात फेरे लेने के तुरंत बाद दुल्हन ने दी परीक्षा, कमरे के बाहर इंतजार करता रहा दूल्हा- सात फेरे होते हैं, शादी होती है और उसके बाद लड़की विदा होकर अपने पति के घर चली जाती है । लेकिन इसके विपरीत शादी के मंडप से एक दुल्हन विदा होने के बाद पति के घर की बजाय सीधे छपरा के जेपी विश्वविद्यालय के साइंस ब्लाक पहुंची। जाने क्या है मामला ।
विदाई के बाद ससुराल की जगह परीक्षा केंद्र पहुंची छात्रा
दुल्हन रौशनी, राजेंद्र कालेज के पीजी अंग्रेजी विषय की छात्रा है और रौशनी का परीक्षा 22 नवंबर को प्रथम पाली में थी। लेकिन 21 नवंबर को छपरा में उसके घर बारात आयी थी। रोशनी घर-गृहस्थी के साथ ही वह शिक्षा के क्षेत्र में भी आगे बढ़ने के लिए उत्साहित थी। इसके चलते उसने शादी के मंडप से विदाई के बाद ससुराल की जगह परीक्षा केंद्र जाने की इच्छा जताई।
दुल्हन के इस इच्छा का सम्मान और पढाई के प्रति रूचि को देखते हुए दूल्हे के परिवार वालों ने उसे दूल्हे के साथ परीक्षा देने के लिए जेपी विश्वविद्यालय के साइंस ब्लाक भेजा। परीक्षा देने के बाद दूल्हा अपनी दुल्हन को अपने घर सीहोर लेकर पहुंचा लेकिन तब तक करीब ढाई घंटे तक दूल्हा कार में बैठकर दुल्हन का इंतजार करता रहा।
दूल्हे ने कहा परीक्षा देना ज्यादा जरूरी
दूल्हे का कहना है कि विवाह के बाद एक नए जीवन की शुरुआत होती है, किंतु इस शुरुआत से भी ज्यादा जरूरी पढ़ाई है। इसलिए हमने विदाई के बाद घर जाने से पहले परीक्षा दिलवाना जरूरी समझा। दूल्हा आशुतोष ने कहा कि पति-पत्नी को एक-दूसरे को समझना और महत्व देना जरूरी होता है। इस बात की शुरुआत हमने सात फेरे लेने के तत्काल बाद कर दी और इस बात कि मुझे खुशी है कि मैंने अपनी पत्नी का साथ दिया । रौशनी को परीक्षा देना जरूरी था क्यू कि परीक्षा छूट जाने से उसका एक साल बर्बाद हो जाता जो सही नहीं था।
आशुतोष ने कहा पत्नी का साथ देकर खुश हूँ
आशुतोष ने इस कदम पर खुशी जाहिर करते हुए यह भी कहा कि उन्हें काफी अच्छा लग रहा है कि वैवाहिक जीवन की शुरुआत में ही मैं अपनी पत्नी के फैसले में साथ खड़े हो सके हैं । दुल्हन का कहना है कि पढ़ाई जरूरी है। हालात कुछ भी हों हमें पढ़ाई को महत्व देना चाहिए।
जेपी विश्वविद्यालय छपरा के संयुक्त केंद्राधीक्षक पीजी परीक्षा डा. विश्वामित्र पांडेय इन सब पर कहा कि- दूल्हा-दुल्हन का विवाह मडंप से विदा होने के बाद सीधे परीक्षा देने आना एक सराहनीय कदम है। यह पढ़ाई के प्रति उनके जागरूकता को जाहिर करता हैं। पढ़ाई जीवन का एक महत्वपूर्ण अंग है। रौशनी के इस कदम से अन्य विद्यार्थियों को भी प्रेरणा मिलेगी।