cultivation of aquatic fern azolla at zero cost can give benefit of lakhs

बिहार में जीरो बजट में करे अजोला की खेती, किसानों को मिलेगा लाखों का फायदा, जाने कैसे

‘अजोला’ का कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में उपयोग किया जाता है। दोनों ही जगहों पर इसकी खास उपयोगिता है। यह इसलिए भी खास है क्योंकि इससे जीरो बजट में उत्पादन किया जाने वाला एजोला बड़े ही काम का है।

घर में या खेत-खलिहान में कहीं भी इसका उत्पादन बड़ी ही आसानी से किया जा सकता है। दूसरा इसका उपयोग करना भी बड़ा आसान है। आइए आपको बताते हैं इसकी खेती और उपयोग के बारे में…

Ajola is used in the field of agriculture and animal husbandry.
कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में उपयोग किया जाता है ‘अजोला’

‘अजोला’ क्या है?

कृषि वैज्ञानिक डॉ रामपाल ने बताया ‘अजोला’ एक जलीय फर्न है। ये सेल्विनिएसी प्रजाति का होता है। इसका उपयोग धान की खेती, दुधारु पशुओं को भी इसे खिलाने में उपयोग किए जाते हैं।

इससे पशु स्वस्थ भी रहेंगे। दूध भी गाढ़ा-पौष्टिक और अधिक मात्रा में देंगे। इसके साथ ही मछली पालन और मुर्गी पालन करने वाले किसान इसे मुर्गी-मछली को खिला सकते हैं।

What is Ajola
‘अजोला’ क्या है?

कैसे मिलेगा अजोला कल्चर?

खोदावंदपुर में कृषि विज्ञान केंद्र के प्रोग्राम ऑफिसर अंशुमान द्विवेदी ने बताया किसान अपने नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र से ‘अजोला’ कल्चर का बीज ले सकते हैं। इसके लिए वहां पर उन्हें इसके बारे में विस्तृत जानकारी भी दी जाती है। लगभग हमारे देश के हर जिले में कृषि विज्ञान केंद्र सरकार के देख रेख में चल रही है।

कैसे करें उत्पादन?

वहीं प्रोग्राम ऑफिसर अंशुमान द्विवेदी ने बताया किसान अगर ‘अजोला’ का उत्पादन करना चाहते हैं। वो ईंट से घेरकर प्लास्टिक के इस्तेमाल से इसकी क्यारी बना सकते या फिर हौज बनाकर अजोला का उत्पादन कर सकते हैं।

Azolla can be produced by making a cistern
हौज बनाकर अजोला का उत्पादन कर सकते हैं

हालांकि पेड़ के नीचे का स्थान इसके लिए ज्यादा उचित होता है। तीन क्यारी होज अगर किसान बनाएंगे तो लगातर इसका उपयोग किसान कर सकते हैं, क्योंकि इसके बनने में 5 से 7 दिन का समय लगता है। होज रहने पर एक खत्म होने पर एक होज का उपयोग किसान कर सकते हैं, तब तक दूसरा बनकर तैयार हो जायेगा।

‘अजोला’ को साफ पानी से धोना चाहिए

पशुपालकों को ध्यान देना चाहिए कि ‘अजोला’ को सीधे गड्ढे से निकाल कर पशुओं को नहीं खिलाना चाहिए। गड्ढे से निकालने के बाद अजोला को तीन से चार बार साफ पानी से धोना चाहिए। उसके बाद साफ ‘अजोला’ को पशुओं को खिलाना चाहिए।

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