flood is written in the fate of the people of Palasi of Araria

बिहार: अररिया के पलासी के लोगों की किस्मत में लिखा है बाढ़ का दंश, हर साल होते है वादे, लेकिन

बिहार के अररिया जिले के पालसी प्रखंड के कई गांवों के लोग हर साल बाढ़ के दंश को झेलते हैं। शायद यही उनकी किस्मत में लिखा हुआ है। पलासी प्रखंड क्षेत्र के लोगों को बाढ़ की विभीषिका को झेलना नियति बन गयी है। हर वर्ष बकरा व रतवा नदी के जल स्तर में वृद्धि से बाढ़ की विभीषिका झेलनी पड़ती है। बाढ़ के कारण फसलों सहित विकास के सारे निशाना बहा ले जाती है।

जिसमें सड़क, तटबंध, तहस नहस हो जाता है। हर वर्ष इसकी मरम्मती की जाती है। बाढ़ के दौरान प्रशासन सहित जन प्रतिनिधियों द्वारा इसके स्थायी समाधान के लिए तरह- तरह के वादे किये जाते हैं। बाढ़ हटने के बाद सारे वादे धड़े के धड़े रह जाता है। हर वर्ष किसानों का फसल बाढ़ की भेंट चढ़ जाती है। जिससे दिनोंदिन किसानों की स्थिति बदतर होती जा रही है।

People of many villages of Palsi block face the brunt of flood every year.
पालसी प्रखंड के कई गांवों के लोग हर साल बाढ़ के दंश को झेलते हैं

हर वर्ष लोगों को झेलनी पड़ती है बाढ़ की त्रासदी

प्रखंड क्षेत्र से होकर बहने वाली बकरा व रतवा नदी में उफान आने पर हर वर्ष लोगों को बाढ़ की त्रासदी झेलनी पड़ती है। ऐसा नहीं है कि बाढ़ से बचाव के लिए प्रयास नहीं किया गया। बल्कि बाढ़ से बचाव के लिए बकरा व रतवा नदी के किनारे तटबंध अवश्य बनाया गया, जो बाढ़ के दौरान पानी के दबाव के कारण कच्ची तटबंध प्राय: जगह- जगह टूट जाता है।

Every year people have to face the tragedy of flood
हर वर्ष लोगों को झेलनी पड़ती है बाढ़ की त्रासदी

जिससे फसलों, तटबंधों व कच्ची सड़कों को तहस – नहस कर अपना मार्ग बनाती है। वहीं बकरा नदी के किनारे बसे पिपरा कोठी, छपनियां, बच्चा खाड़ी, धर्मगंज, भट्टाबाड़ी, बकेनियां पासवान टोला, कोढ़ैली नदी के पश्चिम पार, काचमोह सहित अन्य गांवों के लोगों का बरसात के मौसम में आवाजाही का नाव ही सहारा होता है।

बकरा नदी के किनारे तटबंध की मरम्मती नहीं

बाढ़ से बचाव के लिए नदी के किनारे तटबंध अवश्य बनाया गया, जो बाढ़ में प्राय: टूट जाता है। जिसकी पुन: मरम्मती की जाती है। बीते वर्षों में आई भीषण बाढ़ के दौरान बकरा नदी के किनारे बना कोढ़ैली- ककोड़वा बजगिरवा तटबंध कई जगहों पर टूट गया था, जिसकी अब तक मरम्मती नहीं की गई है।

No repair of embankment on the banks of goat river
बकरा नदी के किनारे तटबंध की मरम्मती नहीं

इस संबंध में दक्षिण डेहटी पंचायत के मुखिया मु. रागीब उर्फ बबलू, पूर्व सरपंच धर्मानंद विश्वास, धर्मेन्द्र विश्वास, अनिल कुमार विश्वास ने बताया कि बकरा नदी के किनारे बना तटबंध कोढ़ैली व ककोड़वा के पास टूटा हुआ है। जबकि बजगिरवा के समीप तटबंध पर पानी का दबाव बढ़ रहा है।

प्रशासन का अब तक नहीं गया ध्यान

प्रशासन को अवगत कराने के बावजूद अब तक ध्यान नहीं दिया गया है। ऐसे में बाढ़ आने पर तबाही का अनुमान स्वत: लगाया जा सकता है। बकरा नदी के बाढ़ से प्रभावित गांवों में पिपरा विजवार, धर्मगंज, डेहटी उत्तर, डेहटी दक्षिण, भीखा, पेचैली, सुकसैना सहित अन्य पंचायतों के दर्जनों गांव शामिल हैं। रतवा नदी की बाढ़ से प्रभावित गांवों में सोहन्दर, बरहकुम्बा व नकटाखुर्द पंचायतों के करीब डेढ़ दर्जन गांव शामिल हैं।

बाढ़ से पूर्व तैयारी की संबंध में सीओ विवेक कुमार मिश्र ने बताया कि संभावित बाढ़ के मद्देनजर शरणार्थियों के लिए ऊंचे स्थलों को चिन्हित कर लिया गया है। खाद्यान्न भण्डारण के लिए डीलरों सहित अन्य का चयन कर लिया गया है। पोलीथीन शीट सहित अन्य सामग्री उपलब्ध है।

साथ ही विभिन्न नदी घाटों पर नाव उपलब्ध है। साथ ही कटाव प्रभावित क्षेत्रों को भी चिन्हित कर लिया गया है। बकरा नदी के किनारे बने कोढ़ैली-ककोड़वा-बजगिरवा तटबंध के कई जगहों पर मरम्मती को लेकर जिला प्रशासन को अवगत करा दिया गया है।

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