सिर्फ पंचर ही नहीं, BDO भी बनाते है बिहार के शमीम खान, बेटे को BPSC में मिला 80वां रैंक
कल तक शमीम खान का परिचय पंचर बनानेवाले के रूप में था, लेकिन अब वे बीडीओ हदीद खान के पिता के रूप में पहचाने जा रहे हैं। कल तक जो लोग अपने पद और पैसे की वजह से मेहनतकश शमीम खान को हिकारत से देखते थे, अब उनकी निगाह में शमीम खान का रुतबा बड़ा हो गया है। उनकी पहचान बड़ी हो गई है और हिकारत से देखने वाले भी सम्मान के साथ बधाई देने पहुंच रहे हैं। यह सारा जादू उनके बेटे की मेहनत का नतीजा है।
उनके बेटे हदीद खान ने बीपीएससी परीक्षा में पूरे राज्य में 80वां रैंक पाया है और अब वह बीडीओ बन जाएगा। बीपीएससी परीक्षा में 80वां रैंक लानेवाले हदीद खान जमुई जिले के सिकंदरा इलाके के पोहे गांव के रहने वाले हैं। हदीद के पिता सलीम खान वर्षों से सिकंदरा में एक पेट्रोल पंप के आगे फुटपाथ पर पंक्चर ठीक करने का काम करते हैं।
![Hadids father, Salim Khan, has been repairing pavement punctures for years](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/08/Hadids-father-Salim-Khan-has-been-repairing-pavement-punctures-for-years.png)
बोले पिता – बेटे ने जिंदगी की पंचर ठीक कर दी
हदीद का चयन ग्रामीण विकास विभाग के लिए हुआ है। अब वे बीडीओ बन जाएंगे। पिता शमीम खान बताते हैं कि हदीद बचपन से ही पढ़ने-लिखने में होनहार था। गांव के स्कूल से मैट्रिक पास की थी। तब भी अपने बैच में सबसे अधिक नंबर आए थे उसके।
परिवार तो आर्थिक रूप से पस्तहाल था, लेकिन उससे हदीद पर फर्क नहीं पड़ता था। वह संतोषी था। शुरू से सिर्फ पढ़ाई-लिखाई पर ध्यान देता था। शमीम खान गर्व से बताते हैं कि वह खुद से पढ़ता था। पहली बार बीपीएससी की परीक्षा दी थी। पहली ही बार में उसने हमारी पंचर जिंदगी ठीक कर दी। अब जिंदगी की गाड़ी ठीक से चलेगी।
पिता की मेहनत बनी मेरी प्रेरणा – हदीद खान
हदीद का कहना है कि उसके पिता उसकी प्रेरणा के स्रोत हैं। सड़क के किनारे जमीन पर बैठकर पंक्चर ठीक करते अपने पिता की मेहनत देखकर ही मैंने अपना सारा ध्यान पढ़ाई-लिखाई में लगाया। मन में ठान लिया था कि एक दिन अधिकारी बनकर दिखाऊंगा।
![Hadid Khan who got 80th rank in BPSC exam](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/08/Hadid-Khan-who-got-80th-rank-in-BPSC-exam.png)
वहीं हदीद के पिता शमीम कहते हैं कि मेरा बेटा अब अधिकारी बन गया है, फिर भी मैं पंक्चर बनाने का काम करता रहूंगा। आदमी को जमीन से जुड़े रहना चाहिए. पहले मजबूरी और दबाव में यह काम करता था, अब अपना वक्त काटने के लिए अपनी मर्जी से यह काम करूंगा।
लोगों ने बाप-बेटे को दीं बधाइयां
जमुई में रहनेवाला यह मेहनतकश परिवार अपने हदीद खान की इस कामयाबी पर बेहद खुश है। इलाके के लोग इस परिवार को अथाह बधाई दे रहे हैं। उनके बीच यह चर्चा खूब है कि किस तरह गरीबी और तमाम कठिनाइयों को पीछे छोड़ हदीद ने सफलता पाई है। उसे लोग खुद के लिए प्रेरणास्रोत बता रहे हैं।
बीपीएससी परीक्षा का परिणाम आने के बाद लोगों को जैसे ही पता चला कि पंक्चर बनानेवाले का बेटा अब अधिकारी बन गया, तो लोग बधाइयां देने पंक्चर की दुकान पर पहुंचने लगे। हदीद की कामयाबी पर लोगों ने फूल-माला पहनाकर बाप-बेटे को बधाइयां दीं।
![bpsc classes](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/08/bpsc-classes.jpg)