बिहार में सोने का भण्डार मिलने के बाद फिर मिला बड़ा खजाना, सर्वे में सामने आई बड़ी बात
हाल में ही पता लगा था कि बिहार के जमुई जिले में देश का सबसे बड़ा सोने का भंडार है। केंद्र सरकार ने इसपर संसद में जानकारी भी दी थी। अब इसी जिले के सिकंदरा प्रखंड में लोहे की खान होने की संभावना नजर आई है। इसको लेकर एक बार फिर सर्वे कार्य शुरू हो गया है। सिकंदरा प्रखंड के मंजोष पंचायत में जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया यानी जीएसआई की टीम तेजी से सैंपल लेने में जुटी हुई है। जीएसआई की टीम मंजोष के खेतों में भू-छेदन कर सैंपल ले रही है।
दरअसल, 20 साल पहले मंजोष गांव के पहाड़ी इलाके में बच्चों को खेलने के दौरान एक चुम्बक से एक काला रंग का पत्थर चिपक गया था। इसके बाद मिट्टी के कुछ अंश भी चुंबक में चिपकने लगे थे। तब लोगों को लगा कि यहां की मिट्टी में लोहा मिला हुआ है। बाद में इस गांव की एक पहाड़ी पर काले रंग के अब ऐसे कई अवशेष मिले जिससे लगा कि पूर्व में आग की भट्टी पर यहां कुछ निकाला गया होगा।

अब लौह अयस्क के मिलने की बातें
ऐसा कहा जाता है कि ब्रिटिश शासन काल में अंग्रेजों ने इस पहाड़ी से लोहा निकाला था। इसी संभावना को लेकर बीते कई वर्षों में यहां पर कई बार जियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया के द्वारा लौह अयस्क की खोज के लिए भू-छेदन कर सैंपल लिए गए।
पूर्व के सर्वेक्षण में इस इलाके में प्रचुर मात्रा में लौह अयस्क होने की खबर आ चुकी है। मंजोष पंचायत के 8 से 10 किलोमीटर के रेडियस में लौह अयस्क के मिलने की बातें कही जाती हैं।

पूर्व के सर्वेक्षण में यह बात सामने आयी है कि यहां कहीं कहीं तो 70 से 80 प्रतिशत लौह अयस्क मौजूद है। बताया जाता है यहां की जमीन में 40 मीटर के बाद ही आयरन ओर मिलना शुरू हो जाता है और 65 मीटर के बाद तो प्रचुर मात्रा में लौह अयस्क मिलता है।
बीते 2 सप्ताह से इस पंचायत में जीएसआई की टीम जमीन में दो से ढाई सौ मीटर छेद कर सैंपल ले रही है। इस दौरान आयरन के अलावा सफेद संगमरमर भी निकलते देखा गया।
जमुई में सोने के भंडार के साथ लोहे का भी अकूत भंडार
हालांकि, बिहार के इस एकमात्र लोहा का खान वाले जगह पर सर्वे कर रहे जीएसआई के अधिकारी खुलकर कुछ भी बताने से बच रहे हैं। लेकिन, इस टीम में कार्य कर रहे कर्मियों से यह जानकारी मिली है कि जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के कोलकाता जोन की टीम के द्वारा यहां लोहे के सैंपल लिए जा रहे हैं। इसकी जांच धनबाद में करवाई जाएगी।

स्थानीय प्रेम कुमार व ओमप्रकाश ने बताया कि जीएसआई के द्वारा एक बार फिर सर्वेक्षण और सैंपल लिए जाने का काम शुरू होने से उम्मीदें बढ़ी हैं कि यहां जल्द ही लोहे के खान की खुदाई शुरू हो जाएगी।
इस गांव में 2003 से ही लोहा मिलने की बात सामने आई थी तब से चार बार सर्वे भी हो चुका है। खुशी की बात है कि जियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया इस दिशा में लगातार काम कर रही है। इससे लगता है कि जमुई की धरती के अंदर सोने के भंडार के साथ ही लोहे का भी अकूत भंडार है।