network of food parks of Makhana and Litchi will be formed in Bihar

बिहार में मखाना और लीची के फूड पार्कों का बनेगा नेटवर्क, पटना में खुलेगा क्षेत्रीय कार्यालय

भारत सरकार बिहार में मिनी फूड पार्कों का नेटवर्क स्थापित करने की तैयारी कर रही है। केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय ने इसके लिए सघन सर्वेक्षण के निर्देश दिए हैं। इसके तहत मखाना, लीची और केला पर आधारित उत्पादों के मिनी फूड पार्कों का नेटवर्क बनाया जाएगा। इसके अलावा आलू और मक्का से आधुनिक तकनीक के जरिए नए-नए खाद्य उत्पाद तैयार करने वाले उद्योगों की शृंखला की संभावना भी केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय तलाशेगा। बिहार में पैदा होने वाले खाद्य उत्पादों को राज्य के भीतर लंबे समय तक संरक्षित रखने के लिए कोल्ड चेन नेटवर्क मसलन कोल्ड स्टोरेज, फ्रोजेन सेंटर या फ्रीज वैन का नेटवर्क स्थापित करना भी इसके तहत शामिल है।

खाद्य उत्पादों पर आधारित उद्योगों की पैकेजिंग या दूसरे सहायक उद्योगों की संभावना पर भी इसके तहत गौर किया जा रहा है। केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय के सर्वेक्षण में चर्चित फलों या फसलों के अलावा बाकी पैदावारों के प्रसंस्करण की संभावना तलाशी जाएगी। इसके लिए खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विशेषज्ञों और शोध संस्थाओं की भी सेवा ली जाएगी।

food park bihar map
बिहार में मिनी फूड पार्कों का नेटवर्क स्थापित करने की तैयारी

क्या है मिनी फूड पार्क?

मिनी फूड पार्क खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों का एक परिसर होता है। वहां कई खाद्य प्रंसस्करण औद्योगिक इकाइयों को एक ही परिसर में लगाया जाता है। उनकी सुविधा के लिए परिसर में शीत संयंत्र, पैकेजिंग प्लांट और ग्राइंडिंग, रिफाइनिंग तथा क्वालिटी कंट्रोल के लिए परिसर में ही सहायक इकाई होती है। कोल्ड वैन जैसा लॉजिस्टिक सपोर्ट भी मिलता है। इन सब पर हर उद्यमी के अलग-अलग निवेश नहीं करने के कारण उत्पादन लागत काफी कम हो जाती है।

बिहार में मखाना, लीची, केला, आलू, मक्का पर आधारित खाद्य प्रसंस्करण उद्योग बड़े पैमाने पर लगवाने की योजना हमारे मंत्रालय ने तैयार की है। इसके लिए मिनी फूड पार्क स्थापित किए जाएंगे। सर्वेक्षण के आदेश दिए गए हैं। इस आधार पर अलग-अलग इलाकों को अलग-अलग उत्पादों के लिए चिह्नित किया जाएगा।पशुपति कुमार पारस, केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री

कैसे होगा यह सब?

भारत सरकार मिनी फूड पार्क स्थापित करने के लिए 10 करोड़ से लेकर 50 करोड़ तक का अनुदान दे सकती है । सर्वेक्षण के जरिए खास इलाकों को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के कच्चा माल के उत्पादन सुधारकर अच्छी गुणवत्ता के स्तर तक ले जाने और उन्हें कोल्ड चेन नेटवर्क के जरिए संरक्षित कर प्रसंस्करण केंद्रों तक ले जाने का इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करना है। इनमें हर स्तर के लिए अनुदान के रूप में अच्छी राशि का प्रावधान है।

केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय का पटना स्थित क्षेत्रीय कार्यालय संभावना वाले हर स्थान पर मिनी फूड पार्क के लिए स्थान चिह्नित कर इस दिशा में आने वाली बाधा दूर करेगा। केंद्रीय खाद्य प्रंसस्करण मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय की भूमिका परियोजना प्रस्ताव तैयार कराने से लेकर उन्नत तकनीक मुहैया कराने और उसे जमीन पर उतारने तक की होगी।

पटना में खुलेगा क्षेत्रीय कार्यालय

बिहार में मिनी फूड पार्कों की शृंखला को संभव बनाने के लिए केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय पटना में क्षेत्रीय कार्यालय स्थापित करेगा। ललित भवन के बगल में स्थित एक सरकारी भवन को इसके लिए चिह्नित किया गया है। 03 जनवरी 2022 को इस कार्यालय का उद्घाटन होगा। केंद्रीय मंत्रालय के वरिष्ठ पदाधिकारी के नेतृत्व में यह क्षेत्रीय कार्यालय संचालित होगा।

यहां खाद्य प्रसंस्करण उद्योग के विशेषज्ञों की एक टीम भी तैनात रहेगी। यह टीम बिहार के हर इलाके के लिए वहां होने वाले कृषि, वानिकी और उद्यानिकी उत्पादों पर आधारित उद्योगों के लिए मिनी फूड पार्कों का खाका तैयार करेगी। इससे जुड़ने वाले किसानों और उद्यमियों के लिए प्रशिक्षण का भी कार्यक्रम तैयार किया जाएगा। इससे संभावित प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगारों का लक्ष्य हासिल करने के लिए भी अलग से योजना तैयार की जाएगी।

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