मुख्यमंत्री नीतीश कुमार: बिहार में आसान नहीं थी शराबबंदी, बचपन का सपना हुआ साकार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार: बिहार में आसान नहीं थी शराबबंदी, बचपन का सपना हुआ साकार- बिहार में आयेदिन प्रशाशन के द्वारा शराब माफिया पर लगाम लगाने के लिए छापेमारी की जा रही है । ऐसा माननीय नितीश कुमार के प्रयासों के कारन हो पाया है । सीएम नीतीश कुमार हमेशा शराबबंदी लागू करने के लिए प्रयासरत रहे हैं । पुरे बिहार में महिलाओं का समर्थन मिलने पर उन्होंने इसे लागू कर दिया था जो बरक़रार है ।
बचपन का सपना हुआ साकार
सीएम नीतीश कुमार ने मिंज स्टेडियम में कहा कि वे बचपन से ही शराबबंदी के पक्ष में थे। इसे बिहार में लागू करना आसान नहीं था। जननायक कर्पूरी ठाकुर ने मुख्यमंत्री रहते हुए 1977 में शराबबंदी लागू की थी। दो से ढाई साल बाद वे हट गए। फिर इस बंदी को हटा दिया गया था। नितीश ने कहा कि शराबबंदी लागू होने के बाद उसी वर्ष 16 अगस्त को जहरीली शराब से मौत की पहली घटना गोपालगंज में हुई थी। इस मामले सभी दोषियों को कड़ी सजा मिली। पुरुषों को फांसी व महिला दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। उन्होंने कहा कि गड़बड़ी करने वालों के लिए कड़ी चेतावनी है। जो भी गड़बड़ी करेंगे, उन्हें कड़ी सजा जरूर मिलेगी।
बिहार में आसान नहीं थी शराबबंदी
सीएम ने विश्व स्वास्थ्य संगठन के 2016 के सर्वे का हवाला दिया और कहा कि विश्व में प्रति वर्ष शराब पीने से 30 लाख लोगों की मौत होती है। यह रिपोर्ट 2018 में जारी की गई थी। इसके अनुसार, शराब पीने से 20 से 39 आयुवर्ग के बीच के लोगों की 13.5 प्रतिशत मौतें होती हैं। शराब से गंभीर बिमारियों को जन्म देता है। यह लगभग 200 बीमारियों को पैदा करता है ।
सीएम- शराब बीमारियों के साथ हिंसक प्रवृत्ति को बढ़ाता हैै। महिलाओं के साथ हिंसा का मुख्य कारण शराब ही है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी इसे माना है। लोगों को शराब से होने वाले नुकसान को समझना चाहिए। 18 प्रतिशत आत्महत्या व मारपीट की घटनाएं शराब के सेवन से होती है। शराब सड़क हादसे को भी बढ़ावा देता है। 27 प्रतिशत सड़क दुर्घटनाएं शराब पीकर वाहन चलाने से होती हैं। सीएम ने कहा, शराब पिओगे तो बीमार रहोगे। नहीं, पिओगे तो स्वस्थ व खुशहाल रहोगे।
शराबबंदी के बाद बिहार में बढ़े पर्यटक
अपनी बातों को आगे बढ़ाते हुए सीएम ने कहा कि शराबबंदी लागू करने के बाद लोग कहते थे कि पर्यटक बिहार में नहीं आएंगे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। दो करोड़ से अधिक पर्यटक हर साल बिहार आने लगे हैं। शराबबंदी से पहले यह संख्या कम थी।
बापू भी मानते थे- शराब है बुरी चीज
बापू राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का संदर्भ देते हुए उन्होंने कहा कि वे भी मानते थे कि शराब बुरी चीज है। बापू का मानना था कि, शराब आदमियों से न सिर्फ उसका पैसा छीन लेती है बल्कि उसकी बुद्धि भी हर लेती है। शराब पीने वाला इंसान हैवान बन जाता है। सीएम ने कहा, शराबबंदी के साथ ही बाल विवाह व दहेज प्रथा उन्मूलन के खिलाफ हम सभी को जागरूक होना होगा, तभी समाज सुधार संभव है।