बिहार में सुधरेंगे अधूरे पड़े इंदिरा आवास के दिन, घर बनाने को मिलेंगे और 50 हजार
अब बिहार में अधूरे पड़े इंदिरा आवास के दिन भी बहुरने वाले हैं। वैसे लाभुक जिनका घर पैसे के अभाव में अधूरा पड़ा हुआ है। सरकार उन्हें मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास सहायता योजना से पूरा करायेगी। आपको बता दें कि पीएम आवास योजना ग्रामीण से पूर्व इंदिरा आवास योजना संचालित की जा रही थी। लेकिन इस योजना के तहत लोगों को कम सहायता राशि मिलती थी।
जिस कारण राशि मिलने के बाद भी कई लोग अपना घर नहीं बना पाते थे। इन कमी को दूर करने के लिये सरकार ने 2010 से पूर्व के अधूरे पड़े आवास की सूची जिला प्रशासन से मांगी है। इस योजना के तहत अधूरे पड़े आवास को मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास सहायता योजना से 50 हजार रूपये सहायता राशि देकर इसे पूर्ण कराने की योजना है। इससे लाभुकों को काफी फायदा भी होगा।

2010 से पूर्व मिलते थे 35 हजार
2010 के पहले के अधूरे इंदिरा आवास को मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास सहायता योजना से 50 हजार की अतिरिक्त सहायता राशि दिया जाना है। शुरुआती समय में इंदिरा आवास के लिये महज 35 हजार रुपया घर बनाने के लिये मिलता था।

उसमे से भी एक हिस्सा बिचौलिये खा जाते थे। बची हुई राशि से घर बनाना मुश्किल होता था। जबकि आवास योजना में दुबारा लाभ देने का भी प्रावधान नहीं है। लेकिन सरकार के इस पहल से लोगों को पक्का घर नसीब हो सकेगा।
एससी-एसटी और पिछड़ा वर्ग को मिलेगा लाभ
इंदिरा आवास योजना के तहत अनुसूचित जाति , अनुसूचित जनजाति एवं अत्यंत पिछड़ा वर्ग के वैसे परिवार जिनका आवास अधूरा है। ऐसे लाभुकों की पहचान कर मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास सहायता योजना से निर्माण पूरा कराने के लिये सहायता राशि दी जाएगी।
मांगी गई सूची
इंदिरा आवास योजना के तहत 2010 से पूर्व स्वीकृत वैसे परिवार की सूची मांगी गई है जिनका घर का निर्माण अधूरा रह गया था। इसके लिये ग्रामीण विकास विभाग ने जिला से सूची मांगी है। इसके लिये डीएम और उप विकास आयुक्त को पत्र भेजा गया है।

इन परिवारों को मुख्यमंत्री ग्रामीण आवास सहायता योजना के तहत लाभ दिया जाना है। इसी मकसद से रिपोर्ट मांगी गयी है। ताकि योगय लाभुकों को सहायता राशि का भुगतान करने की दिशा में पहल की जा सके। इस योजना का लाभ उन परिवार को नहीं मिलेगा जिनका घर पक्का का है।