The pain of RRB NTPC candidates shown in Saraswati Puja

सरस्वती पूजा में दिखा RRB NTPC अभ्यर्थियों का दर्द, खान सर का ऐसे किया समर्थन, सोशल मीडिया में छाया

रेलवे भर्ती बोर्ड (RRB) के नन टेक्‍न‍िकल पापूलर कैटेगरी (NTPC) और ग्रुप-डी (Railway Group-D Exam) की परीक्षा को लेकर छात्रों ने भले ही आंदोलन खत्‍म कर दिया है। लेकिन उनका दर्द अभी कम नहीं हुआ है। ये दर्द आज सरस्‍वती पूजा के द‍िन भी देखने को मिली। मां सरस्‍वती के पंडाल के जरिये छात्रों ने अपना दर्द बयां किया है। साथ ही उन्होंने हजारों गरीब छात्रों के लिए मसीहा पटना वाले खान सर (Khan sir) का भी समर्थन किया है।

दरअसल, मुंगेर में एक सरस्‍वती पूजा को पंडाल को रेलवे के छात्रों की समस्‍याओं को केंद्र में रखते हुए सजाया गया है। इसमें ग्रुप डी (Railway Group-D Exam) के छात्रों की परेशानी, एनटीपीसी के रिजल्‍ट (NTPC Result) में गड़बड़ी और खान सर (Khan sir) पर हो रही कार्रवाई को लेकर छात्रों का दर्द झलक रहा है। साथ ही पढ़ाई के दौरान छात्र किस तरह की परेशानियां झेलते हैं, छात्रों के उस दर्द को भी बयान करने की कोशिश की गई है।

पूजा पंडाल में लगी है खान सर की फोटो

khan sir image in saraswati puja pandal bihar
पूजा पंडाल में लगी है खान सर की फोटो

मुंगेर के इस पूजा पंडाल में खान सर (Khan sir) की एक फोटो लगाई गई है। फोटो में खान सर के हाथ में कलम दिख रहा है। साथ ही उसके बगल में लिखा है- “कोई तो आगे आता नहीं, आज जब किसी ने मिलकर आवाज उठाई तो आने किया एफआइआर दर्ज। वाह रे सरकार… वाह! देख लिया तेरा हमारे प्रति फर्ज”।

सोशल मीडिया पर पंडाल की खूब हो रही चर्चा

इसके अलावा पंडाल की दीवारों पर एनटीपीसी स्‍कैम-छात्रों को न्‍याय दो, फूटा छात्रों का गुस्‍सा-दिखा युवाओं में आक्रोश, 2019 में आई रेलवे ग्रुप डी की बहाली-2022 तक भी परीक्षा की कोई खोज-खबर नहीं जैसे कई नारे लिखे हैं।

saraswati puja pandal in munger
सोशल मीडिया पर पंडाल की खूब हो रही चर्चा

जमालपुर के माडल रेल कॉलोनी में विद्या क्लब के विद्यार्थी रोहित, विकास, राहुल राहुल, रितिक राज, अमरजीत, तुषार, रंजन, अरब रॉय, ने छात्रों पर हुए लाठीचार्ज और गरीब छात्रों के मसीहा कहे जाने वाले खान सर पर कार्रवाई की थीम पर पंडाल को सजाया है। यह लौहनगरी ही नही जिले में चर्चा का विषय बना है और सोशल मीडिया पर इसकी खूब चर्चा हो रही है। छात्रों ने बताया कि वैसे तो यहां विद्या क्लब के नाम से प्रतिमा पहले स्‍थापित की जाती थी।

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