बिहार का गौरव है वैशाली का इतिहास, यहाँ की तीन जगहें पर्यटकों को करती है आकर्षित
बिहार में ऐसे तो कई पर्यटन स्पॉट हैं जो लोगो को अपनी और आकर्षित करते हैं। कुछ ऐसे भी हैं जिनका इतिहास सदियों पुराना है। यह हमारी संस्कृति और परंपरा को दर्शाती है।
बिहार का वैशाली विश्व के सबसे प्राचीनतम गणराज्य का माना जाता है। परंपरा और इतिहास के लिहाज से वैशाली बिहार का सबसे समृद्ध जिलों में से एक है। वैशाली में कई दर्शनीय स्थल हैं जहां देश विदेश से पर्यटक आते हैं।
वैशाली बिहार का महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल
वैशाली बिहार में एक महत्वपूर्ण पुरातात्विक स्थल है जो कभी लिच्छवी शासकों की राजधानी हुआ करती थी। अंतिम जैन तीर्थंकर भगवान महावीर के जन्मस्थान और विश्व के सबसे पुराने गणराज्य के रूप में वैशाली इतिहास में सुविख्यात है।
कहा जाता है कि जैन धर्म के सबसे प्रभावी तीर्थांकर महावीर का जन्म और पालन-पोषण छठी शताब्दी ईसा पूर्व वैशाली गणराज्य के कुंडलग्राम में हुआ था। बौद्ध धर्म के केंद्र के रूप में यह स्थान 483 ईसा पूर्व में बुद्ध का अंतिम उपदेश का गवाह बना।
प्रसिद्द यात्रियों द्वारा किया जा चूका है उल्लेख
वैशाली अपने खूबसूरत दरबारी आम्रपाली के लिए भी जाना जाता है। बुद्ध के समय में यह एक समृद्ध राज्य हुआ करता था। इस प्राचीन शहर का उल्लेख प्रसिद्ध चीनी यात्रियों फाह्यान और ह्वेनसांग के यात्रा वृत्तांतों में मिलता है।
बात करते हैं वैशाली में पर्यटकों के लिए घूमने की 3 सबसे खास जगहों के बारे में, अशोक स्तम्भ, विश्व शांति पैगोडा और वैशाली में बना शानदार म्यूजियम है। ये जगहें पर्यटकों को काफी आकर्षित करते हैं।
अशोक द्वारा बनवाया गया स्तम्भ
सम्राट अशोक द्वारा बनवाया गया स्तम्भ अपने आप में काफी खास है। स्तम्भ के ऊपर शेर की प्रतिमा बनायी गयी है। स्तम्भ से सटा हुआ स्तूप बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए आकर्षण का खास केंद्र है।
इस ऐतिहासिक स्तूप और स्तम्भ का संरक्षण भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग कर रही है । स्तूप और स्तम्भ की खुदाई के दौरान मिले ऐतिहासिक साक्ष्यों को वैशाली में बने म्यूजियम में रखा गया है।
विश्व शांति पैगोडा
बौद्ध धर्म के केंद्र के रूप में वैशाली देश विदेश के बौद्ध मतावलंबियों के लिए महत्वपूर्ण है। बिहार और देश विदेश के अलग अलग हिस्से से लोग यहां आते हैं। विश्व शांति पैगोडा पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
जानकारी के लिए बता दें कि बौद्ध धर्म के विदेशी अनुयायिओं ने इस पैगोडा का निर्माण कराया है। विश्व में शांति की कामना के साथ पैगोडा बनवाया गया है।
इतिहास की विरासत वैशाली म्यूजियम
वैशाली के इतिहास की विरासत वैशाली म्यूजियम में देखने को मिल जाएगी। म्यूजियम में उत्खनन से मिली पुरातात्विक वस्तुओं को संरक्षित किया गया है। वैशाली के इतिहास को जानने के लिए वैशाली म्यूजियम सबसे बेहतर स्थल है।
वैशाली की कनेक्टिविटी अन्य शहरों से काफी अच्छी है। पटना एयरपोर्ट विदेशी पर्यटकों के लिए नजदीकी केंद्र है। रेल मार्ग से मुजफ्फरपुर तक पहुंचा जा सकता है। वहां से वैशाली की दूरी लगभग 40 किलोमीटर है।
पर्यटन की दृस्टि से महत्वपूर्ण
यह पर्यटन का खास केंद्र हैं लेकिन इसके बावजूद वैशाली का विकास धीमी गति से हो रहा है। हालाँकि कई योजनाओं पर काम चल रहा है और उम्मीद है की विकास के बाद पर्यटन केंद्रों पर पर्यटकों की भीड़ बढ़ जाएगी।
वैशाली में अन्य घूमने की जगहों में कुटाग्रशाला विहार, बावन पोखर मंदिर, कुंडलपुर और चौमुखी महादेव मंदिर है। ये भी अपने आप में पर्यटकों को काफी आकर्षित करते हैं ।