बिहार की बेटी ने माउंट एवरेस्ट की 18 हजार फ़ीट की ऊँची चोटी पर फहराया तिरंगा
हौसले बुलंद हो तो किसी भी बाधा और मुश्किलों का सामना किया जा सकता है। इसी को साबित किया है बिहार के जमुई की एक बेटी ने। अनीशा माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप की 18 हजार फीट की ऊंचाई 13 दिनों में कंप्लीट की। जानिए उनके सफर को।
बिहार में एक बेटी पर्वतारोहण के क्षेत्र में नया रिकॉर्ड कायम करने का कारनामा किया है। शहर के बिहारी मोहल्ले की रहने वाली अनीशा दुबे इस बार माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप पर 18 हजार की चोटी पर चढ़ाई की।

माउंट एवरेस्ट की सबसे ऊंची चोटी पर है नजर
जानकारी के लिए बता दें कि 24 साल की अनीशा बचपन से ही पेंटिंग के साथ पर्वतारोहण का शौक रखती है। वो लक्ष्य माउंट एवरेस्ट की सबसे ऊंची चोटी पर देश की शान तिरंगा लहरा कर बिहार का नाम रौशन करना चाहती है।
28 सितंबर को उसने तिरंगा लहरा कर सफलता हासिल की। खबरों की माने तो अगले महीनों में अनीशा अफ्रीका के माउंट किलिमंजारो की 19 हजार ऊंची चोटी पर चढ़ाई करेगी जो दुनिया का चौथा सबसे ऊंची चोटी है।
जमुई लौटने के बाद हुआ भव्य स्वागत
माउंट एवरेस्ट के बेस कैंप की चोटी को फतह करने के बाद जमुई लौटने के बाद स्टेशन पर अनीशा का जिले के लोगों ने जोरदार स्वागत किया। घर लौटने पर अनीशा ने बताया कि खराब मौसम के बावजूद बिना कुछ खाए चढ़ाई करने में काफी मुश्किलों का सामना हुआ।
वे अपने साहस और हिम्मत के बल पर इस मुकाम को हासिल करने में कामयाब रही। उसकी इच्छा है कि वह माउंट एवरेस्ट की सबसे ऊंची चोटी पर तिरंगा लहरा कर बिहार का नाम रोशन करें जिसके लिए वह दिन रात मेहनत कर रही है।
माउंट पतालसू की 14 हजार फीट की चोटी को कर चुकी है फतह
दो साल की उम्र में ही अनीशा ने अपने पिता को खो दिया था। माँ ने अकेले ही उसका लालन पालन किया। बचपन से ही पेंटिंग की शौक रखने वाली अनीशा कई पुरस्कार भीजित चुकी है।

मां का आशीर्वाद और बेटी को बढ़ाने की चाहत इस पर्वतारोही को कभी रोका नहीं बल्कि हौसला और हिम्मत देने का काम किया। आज वह इस क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ रही है। नीशा हिमाचल प्रदेश के माउंट पतालसू की 14 हजार फीट की चोटी के ऊंचाई पर तिरंगा फहरा चुकी है।
