बिहार का सॉफ्टवेयर इंजिनियर बना मशरूम उत्पादक, हो रही अच्छी कमाई, लोगो को दे रहे मुफ्त प्रशिक्षण
बिहार के बांका में सॉफ्टवेयर इंजीनियर बना मशरूम उत्पादक। अब बड़े पैमाने पर उत्पादन करने की योजना बना कर अच्छी कमाई कर आत्मनिर्भर बन रहे है। आपको बता दे की फिलहाल वो अपने उत्पादित मशरूम क्षेत्र में सोशल मीडिया के माध्यम से होम डिलीवरी बेच कर अच्छा मुनाफा कमा रहे है।
यहीं नहीं फिलहाल वो मशरूम की तकनीक आसपास के गांव के लोगों को भी सिखा रहे हैं और आत्मनिर्भर बना रहे हैं। उन्होंने 3 साल पहले मशरूम का उत्पादन शुरू किया था। आज वो 10 कमरे में मशरूम उत्पादन कर 30 हजार प्रतिमाह कमा रहे हैं। आईये जानते है इनकी कहानी………..
दे रहे है मशरूम उत्पादन का नि:शुल्क प्रशिक्षण
बांका अंतर्गत बौसी के तेतरिया निवासी रंजन कुमार ने मशरूम उत्पादन कर बांका जिले मे एक मिसाल पेश की है। मशरूम उत्पादन के साथ वह आस-पास के गांव के लोगों को मशरूम उत्पादन की नि:शुल्क प्रशिक्षण भी दे रहे हैं और लोगों को आत्मनिर्भर बनाने में लगे हुए हैं।
तेतरिया गांव निवासी कामेश्वर यादव के पुत्र रंजन कुमार ने जोधपुर से सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग की डिग्री लेने के बाद नोएडा में प्रोग्राम डेवलपर के तौर पर जॉब कर रहे हैं। 2019 में देश में कोरोना जैसी वैश्विक महामारी ने दस्तक दी और लॉक डाउन लग गया।
लॉक डाउन की वजह से उन्हें अपने घर आकर वर्क फ्रॉम होम करना पड़ा। घर में रहते हुए उन्हें एक आइडिया आया कि क्यों नहीं बचे हुए समय से हुए कुछ अलग किया जाए। तो उन्होंने मशरूम उत्पादन आरंभ कर दिया।
रंजन ने बताया कि नोएडा में प्रशिक्षण लेकर मशरूम उत्पादन शुरू किया। रांची से कोकोपीट सहित अन्य सामान मंगाया और अपने ही घर मे बीज उत्पादन का छोटा लैब लगाया।
20 से 30 हजार प्रति माह कमाई
रंजन बताते है कि मशरूम उत्पादन आठ से 10 कमरे में कर 20 से 30 हजार प्रति माह कमा लेते हैं। कोई भी अपने घर के कमरे में ही मशरूम उत्पादन कर आठ से 10 कमरों में 20 से 30 हजार प्रतिमाह कमा सकता है।
सोशल मीडिया पर मशरूम और अपना मोबाइल नंबर डालकर इलाके में होम डिलीवरी मशरूम बेची जा रही है। अब तो इलाके के लोगों को मशरूम उत्पादन की नि:शुल्क प्रशिक्षण देकर मशरूम के प्रति किसानों को जागरुक कर रहे हैं। बेरोजगार युवाओं को भी मशरूम की प्रशिक्षण दी जा रही है।