बिहार में हारे हुए पंचायत प्रतिनिधियों के लिए अच्छी खबर, सरकार कर रही बकाए का हिसाब
बिहार में पंचायत चुनाव जीतने वाले प्रतिनिधियों का हिसाब किताब चलता रहेगा। फिलहाल हारे हुए पंचायत प्रतिनिधियों के लिए अच्छी खबर है। सरकार उनके बकाए का हिसाब कर रही है। पंचायती राज विभाग ने जिलाधिकारियों को कहा है कि निर्वाचित प्रतिनिधियों के लिए नियत भत्ते का भुगतान 15 दिसंबर तक जरूर कर दें। उस दिन पंचायत चुनाव की प्रक्रिया समाप्त हो रही है। उसके बाद नए चुनाव में निर्वाचित प्रतिनिधि काम संभालेंगे। मालूम हो कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बड़ी संख्या में मौजूदा जन प्रतिनिधियों हार हो रही है। कोरोना के कारण पंचायत चुनाव छह महीना देर से हो रहा है। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत वर्तमान प्रतिनिधियों को ही पदनाम बदल कर कार्य विस्तार दिया गया था। लिहाजा उन्हें विस्तार वाली अवधि का भी भत्ता दिया जाएगा।
पंचायती राज विभाग के निदेशक डा. रणजीत कुमार सिंह के हवाले से जारी आदेश में कहा गया है कि अगर इस अवधि में जन प्रतिनिधियों का भुगतान नहीं होता है तो जिम्मेवार अधिकारियों की पहचान होगी। उनके खिलाफ अनुशासनिक कार्रवाई की सिफारिश सामान्य प्रशासन विभाग से की जाएगी। इन प्रतिनिधियों को बीते तीन साल से नियत भत्ते का नियमित भुगतान नहीं हो पा रहा है।

सात अरब 74 करोड़ 58 लाख रुपये का आवंटन
पंचायती राज विभाग ने फिलहाल वित्तीय वर्ष 2019-20 एवं 2020-21 के लिए सात अरब एवं चालू वित्तीय वर्ष में 15 दिसम्बर तक के लिए 74 करोड़ 58 लाख रुपये का आवंटन किया है। पत्र के मुताबिक यह राशि जिलों को दे दी गई है। कहा कि इस राशि से पंचायत प्रतिनिधियों के किसी पुराने बकाए का भी भुगतान किया जा सकता है। लेकिन, यह शिकायत नहीं आनी चाहिए कि किसी प्रतिनिधि के नियत भत्ते का भुगतान नहीं किया गया है।
किस पदधारक को कितना मासिक मानदेय
- जिला परिषद अध्यक्ष – 12,000
- जिला परिषद उपाध्यक्ष – 10,000
- पंचायत समिति के प्रमुख – 10,000
- पंचायत समिति के उपप्रमुख – 5,000
- मुखिया – 2,500
- उपमुखिया – 1,200
- सरपंच – 2,500
- उप सरपंच – 1,200
- जिला पार्षद सदस्य – 2,500
- पंचायत समिति सदस्य – 1,000
- ग्राम पंचायत सदस्य – 500
- ग्राम पंचायत कचहरी सदस्य – 500
34 जिलों में 10वें चरण का मतदान

बिहार में पंचायत चुनाव की कवायद अब धीरे-धीरे आखिरी मुकाम पर पहुंच रही है। पंचायत चुनाव के दसवें चरण का मतदान बुधवार को 34 जिलों के 817 पंचायतों में होगा। इसके लिए 7,257 मतदान केंद्र बनाए गए हैं, जिनमें 509 नक्सल प्रभावित हैं। शांतिपूर्ण मतदान के लिए पुलिस मुख्यालय ने करीब 38 हजार पुलिस पदाधिकारियों व सुरक्षाबलों की तैनाती की है।
इसमें जिला पुलिस बल के साथ होमगार्ड, बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस और सैप जवान शामिल हैं। आपको बता दें कि कई जिलों में यह पंचायत चुनाव का आखिरी चरण होगा। राज्य के कुछ जिलों में 11वें चरण में भी चुनाव कराए जाएंगे।