19 हजार फीट की चोटी पर बिहार की बेटी, भारत के सबसे ऊँचे सड़क पर चढ़ने वाली पहली महिला
बिहार के सारण जिला की एक होनहार साइकिलिस्ट ने अपनी काबिलियत से एक और कीर्तिमान स्थापित किया। छपरा की बेटी सविता महतो ने भारत के सबसे ऊंचे मोटर रोड की उमलिंग पास पर साइकिल से चढ़ाई की है। दावा है कि समुद्री तल से 19,300 फीट के दूरी पर स्थित चोटी पर साइकिल से चढ़ाई करने वाली वह पहली महिला हैं।
5 जून को दिल्ली से शुरू किए गए अपनी यात्रा को सविता ने 28 जून को उमलिंग में समाप्त किया। इसके बाद 28 जून को चोटी पर पहुंच तिरंगा लहराया। यह चोटी ट्रांस हिमालय का भाग है जो लद्दाख पर्वत श्रेणी में आता है।

एवरेस्ट फतह करने में आर्थिक स्थिति बन रही बाधा
साइकिलिस्ट सविता अभी लद्दाख में है। भास्कर डिजिटल के रिपोर्टर से बात करते हुए उन्होंने बताया कि परिजनों के मदद और हौसला अफजाई के कारण सफलता हासिल हुआ है। आगे एवरेस्ट पर चढ़ाई करना सपना है। इसमें आर्थिक स्थिति बाधा बन रही है। आर्थिक मदद मिलने के साथ अगला पड़ाव एवरेस्ट पर चढ़ाई करना होगा।

सविता के पिता चौहान महतो बंगाल के सिलीगुड़ी में मछली का व्यवसाय कर परिवार का भरण पोषण करते हैं। बेहद निम्न परिवार से आने वाली सविता का हौसला बहुत मजबूत है। साबित ने सेना द्वारा आयोजित की इवेंट में हिस्सा लिया है।
महिला सशक्तिकरण और खेल को बढ़ावा देना उद्देश्य
सविता ने बताया कि वह पर्वतारोही व साइकिलिस्ट के रूप में सिर्फ अपनी पहचान बनाने के लिए काम नहीं कर रही है, बल्कि उनका उद्देश्य पहाड़ी क्षेत्र की महिलाओं को सशक्त करने से भी प्रेरित है।

उन्होंने बताया कि साइकिल यात्रा के दौरान वह पहले भी अखंड हिमालय, स्वच्छ हिमालय, कर्तव्य गंगा समेत महिला सशक्तिकरण के संदेश को लेकर व्यापक स्तर पर अभियान चला चुकी है।
सविता महतो के नाम कई रिकॉर्ड दर्ज
सविता पहले भी वर्ष 2019 में 7120 ऊंचे त्रिशूल पर्वत श्रृंखला को फतह कर चुकी हैं। वर्ष 2018 में देश की 100 प्रतिभाशाली महिलाओं में शामिल होकर सारण को गर्व करने का अवसर दिया था।

इसके पहले 2018 में उन्होंने बाघा बॉर्डर से भारतीय सेना द्वारा प्रायोजित ट्रांस हिमालय साइक्लिंग इवेंट में 5700 किलोमीटर की यात्रा प्रारंभ की थी। इसके पहले सविता देश के 29 राज्यों में 12500 किलोमीटर का सफर भी साइकिल से तय कर चुकी हैं।
12 से अधिक पर्वतों को कर चुकी फतह
सविता महतो अब तक 12 से अधिक पर्वतों पर फतह कर चुकी हैं। इनमें कामेट पर्वत (7756 मीटर), सतोपंथ(7075 मीटर), स्टोक कांगरी(6121) है। यही नहीं रेनॉक पीक(6831 मीटर), कांगत्से -1(6400 मीटर), गौरीचिन पूर्व(6222 मीटर), जोजांगो(6311 मीटर), कांगत्से -2(6250 मीटर), मणिरंगी(6596 मीटर), त्रिशुल पर्वत(7120 मीटर) शामिल हैं।
