बिहार में 55 फुट के हनुमान जी, जानिए क्या है इस भव्य प्रतिमा की खासियत
बिहार के छपरा में 55 फीट ऊंची भगवान हनुमान जी की प्रतिमा का निर्माण किया जा रहा है। छपरा शहर के प्रभुनाथ नगर में इस प्रतिमा का निर्माण किया जा रहा है। इस मूर्ति के निर्माण में अबतक करीब डेढ़ करोड़ रुपये लग चुके हैं। इस प्रतिमा का निर्माण विश्व प्रसिद्ध करोल बाग दिल्ली के मूर्तिकारों द्वारा किया जा रहा है।
2015 में हुआ था शिलान्यास
इस मूर्ति का निर्माण रामहरि परिवार के सदस्यों द्वारा शिलान्यास के बाद से वर्ष 2015 से किया जा रहा है। उस वक्त से लगातार इस मूर्ति का काम चल रहा है लेकिन बीच में कोरोना के कारण दो वर्षों तक निर्माण कार्य प्रभावित हुआ था।

मूर्ति का निर्माण कर रहे मूर्तिकारों का कहना है की जिस भूमि पर मूर्ति का निर्माण हो रहा है वहां वर्षों से अस्थायी मूर्ति बनाकर दशहरा के समय पूजा होती रही है।
मूर्ति की ऊंचाई 55 फीट
मूर्ति के निर्माण के लिए शुरुआत में चोटी मूर्ति पर विचार किया गया था। लेकिन सभी सदस्यों ने मिलकर 21 फीट ऊंची मूर्ति पर सहमति जताई थी। इसके बाद मूर्तिकारों से संपर्क किया गया तो 35 फुट की प्रतिमा के निर्माण को लेकर एग्रीमेंट हुआ लेकिन निर्माण होने के क्रम में मूर्ति का मापने पर 55 फ़ीट हो गया। इसे लोगों द्वारा अद्भुत संयोग माना जा रहा है।

40 फीट तक जमीन में मूर्ति का फाउंडेशन
मूर्ति का निर्माण कंक्रीट और लोहे के सरिया से किया जा रहा है। जमीन के अंदर 40 फीट तक मूर्ति का फाउंडेशन किया गया है ताकि मूर्ति भूकंप और आंधी का प्रभाव झेल सके। वहीं तेज हवा से बचाव के लिए मूर्ति के सिने में क्रॉस वेंटिलेशन (छोटे-छोटे छिद्र) भी छोड़े गए हैं।
मूर्ति का उद्घाटन योगी आदित्यनाथ द्वारा होना तय
मूर्ति के प्राण प्रतिष्ठा और उद्घाटन के बारे में निर्माणकर्ता ने बताया कि मूर्ति का उद्घाटन उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा होना तय हुआ है। इसके लिए योगी जी से संपर्क किया जा चुका है।

आगामी दशहरा तक उद्घाटन का तारीख़ संभावित तौर पर रखी जाएगी। मूर्ति निर्माण का काम अंतिम चरण में है। पेंट और बेसमेंट के बाद उद्घाटन किया जाएगा।
यहाँ है हनुमान जी की ऊंची प्रतिमा
बता दें कि बिहार के सीतामढ़ी में भी 41 फीट ऊंची हनुमान जी की प्रतिमा है। वही आंध्र प्रदेश में 135 फुट की ऊंची प्रतिमा है। वही कर्नाटक में 122 फीट, हिमाचल प्रदेश में 108 फीट, उत्तराखंड में 107 फीट, महाराष्ट्र में 105 फीट की प्रतिमा विराजमान है।
