Bihar daughter sima got tricycle

बिहार की बेटी को मिली ट्राईसाइकिल, सोनू सूद भी करेंगे मदद, अब एक पैर से कूदकर नहीं जाना होगा स्कूल

एक पैर पर 1 KM कूदकर स्कूल जाने वाली जमुई की सीमा को अब पंख मिल गया है। मीडिया में खबर छपने के बाद प्रशासन स्वयं उनकी मदद के लिए उनके घर पहुंचा। जिला प्रशासन की ओर से डीएम अवनीश कुमार ने सीमा को स्कूल जाने के लिए ट्राईसाइकिल भेंट की।

जिला प्रशासन की पूरी टीम आज सीमा के घर पर मौजूद थी। सभी ने सीमा को पढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया। इस दौरान उसकी पढ़ाई की लगन को सभी ने सराहा। इस मौके पर जमुई के जिला अधिकारी अवनीश कुमार ने कहा कि सीमा का पढ़ने के प्रति हौसला काबिल-ए-तारीफ है। वह खुद अपनी प्रेरणा से स्कूल जा रही है, जो सभी के लिए प्रेरणादायक है।

DM Avnish Kumar presented a tricycle to Seema to go to school
डीएम अवनीश कुमार ने सीमा को स्कूल जाने के लिए ट्राईसाइकिल भेंट की

सीमा के स्कूल में जल्द होगा स्मार्ट क्लास

यही नहीं जल्द कृत्रिम पैर लगाने का भी आश्वासन दिया गया। सीमा जिस स्कूल में पढ़ती है, उस स्कूल में 1 महीने के अंदर स्मार्ट क्लास बनाया जाएगा। जिलाधिकारी अवनीश कुमार ने कहा कि सीमा के माता-पिता जो काफी गरीब हैं, इनके परिवार को जल्द राशन कार्ड, मकान, सरकारी योजना के तहत मिलने वाली सारी सुविधाएं मिलेगी।

Seema very happy after getting the tricycle
ट्राईसाइकिल मिलने के बाद सीमा बहुत खुश

इसके साथ ही जिलाधिकारी ने कहा कि अगर इस तरह के दुर्घटना के शिकार कोई अन्य बच्चा भी है तो उनको टोला सेवकों द्वारा चिन्हित किया जाए और ऐसे लोगों को उचित सुविधा मुहैया कराई जाए। ताकि किसी भी वजह से ऐसे बच्चों की शिक्षा बाधित न हो। वहीं ट्राईसाइकिल मिलने के बाद सीमा बहुत खुश थी।

सोनू सूद भी करेंगे मदद

Actor Sonu Sood said that Seema will go to school on both feet
अभिनेता सोनू सूद ने कहा दोनों पैरों पर स्कूल जाएगी सीमा

वहीं, अभिनेता सोनू सूद ने ट्वीट कर कहा है कि, “अब यह अपने एक नहीं दोनों पैरों पर कूद कर स्कूल जाएगी। टिकट भेज रहा हूं, चलिए दोनों पैरों पर चलने का समय आ गया।”

बोली- पढ़ती हूं…ताकि गरीबों को पढ़ा सकूं

सीमा खैरा प्रखंड के नक्सल प्रभावित इलाके फतेपुर गांव में रहती है। उनसे पिता का नाम खिरन मांझी है। सीमा की उम्र 10 साल है। 2 साल पहले एक हादसे में उसे एक पैर गंवाना पड़ा था। इस हादसे ने उसके पैर छीने, लेकिन हौसला नहीं।

Seema is 10 years old
सीमा की उम्र 10 साल है

आज अपने गांव में लड़कियों के शिक्षा को बढ़ावा देने के प्रति एक मिसाल कायम कर रही है। वह अपने एक पैर से चलकर खुद स्कूल जाती थी और आगे चलकर शिक्षक बनकर लोगों को शिक्षित करना चाहती है।

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