बिहार के सीमांचल से एशिया और यूरोप जा रहा बफैलो मीट, टर्न ओवर 600 करोड़ पार
बिहार के सीमांचल एरिया से बफैलो का मीट एशिया से यूरोप तक जा रहा है। वियतनाम सीमांचल के बफैलो मीट का सबसे बड़ा खरीदार है। यहां का बफैलो मीट विदेशों में काफी पसंद किया जा रहा है। सरकार के द्वारा लाइसेंस दिए जाने के बाद सीमांचल में दो बफैलो मीट प्रासेसिंग प्लांट चल रहे हैं। जो अररिया में है। जीएसटी पूर्णिया प्रमंडल के सहायक आयुक्त विवेकानंद झा के मुताबिक दोनों कंपनियों का टर्न ओवर 600 करोड़ से अधिक है।
इससे विदेशी मुद्रा की कमाई हो रही है। फोरेन एक्सचेंज से करीब 75 से 80 करोड़ डॉलर विदेशी मुद्रा की कमाई सरकार को हो रही है। आपको बता दें कि भैंस के मांस के निर्यात में भारत की स्थिति लगातार मजबूत हो रही है। बिहार और यूपी से बफैलो मीट बहुतायत में विदेश जाता है।
![There are two Buffalo Meat Processing Plants running in Seemanchal.](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/07/There-are-two-Buffalo-Meat-Processing-Plants-running-in-Seemanchal.-scaled.jpg)
इसमें सीमांचल की भागीदारी काफी है। इस वक्त बफैलो मीट एक्सपोर्ट मार्केट में भारत ब्राजील से काफी आगे निकल गया है। विदेशी मुर्द्रा अर्न करने वाले दोनों एक्सपोर्टर को पिछले दिनों पूर्णिया जीएसटी प्रमंडल में सम्मानित भी किया गया था।
![Turnover of both the companies is more than 600 crores](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/07/Turnover-of-both-the-companies-is-more-than-600-crores.png)
मुख्य बातें
● मेडिकल चेकअप के बाद फिट नहीं बताने पर ही भैंस का मीट तैयार किया जाता
● मीट तैयार कर लिफाफा और डब्बा में बंद कर रखा जाता है, जो पूरा फ्रोजेन रहता है
● सरकार की ओर से लाइसेंस दिए जाने के बाद सीमांचल में दो बफैलो मीट प्रासेसिंग प्लांट का किया जा रहा संचालन
फर्टिलाइजर के अलावा बनते हैं जूते और बैग
सरकार से लाइसेंस मिलने के बाद ही सीमांचल के दो बफैलो मीट प्रोसेसर के द्वारा यह कार्य किया जा रहा है। पूरा कार्य प्रदूषण मुक्त होता है। मीट के साथ कीन, बोन, ब्लड का भी इस्तेमाल किया जाता है। इससे फर्टिलाइजर भी तैयार किया जाता है। बकायदा लेदर से शूज और बैग वगैरा भी तैयार किए जाते हैं।
![The government is earning about $ 75 to 800 million in foreign exchange.](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/07/The-government-is-earning-about-75-to-800-million-in-foreign-exchange..png)
विदेशी बड़े चाव के साथ खाते हैं बफैलो मीट
विदेशों में बफैलो मीट को बड़े चाव के साथ खाया जाता है। मीट प्रासेसर के द्वारा मीट तैयार करने में इसके हाइजीन का पूरा ध्यान रखा जाता है। साफ-सफाई के अलावा इसके लिए उचित तापमान जरूरी होता है। इसे तैयार कर लिफाफा और डब्बा में बंद कर रखा जाता है। मीट पूरा फ्रोजेन रहता है। मीट को कंटेनर के द्वारा विदेश भेजा जाता है।
![Foreigners eat Buffalo meat with great fervor](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/07/Foreigners-eat-Buffalo-meat-with-great-fervor.png)
दूध नहीं देने पर बेकार भैंस से तैयार होता है मीट
कोसी और सीमांचल में तालाब और नदियां काफी हैं। यहां वाटर बफेलो की काफी संख्या है। लाखों भैंस हैं जो दूध नहीं देने के बाद बेकार हो जाती हैं। यह पशुपालकों के लिए भी सिरदर्द बन जाता है। ऐसे ही भैंस से मीट तैयार कर विदेशों को भेजा जाता है। बाकायदा डॉक्टर के द्वारा मेडिकल चेकअप के बाद फिट नहीं बताने पर ही भैंस का मीट तैयार किया जाता है।
![perfection ias bpsc](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/07/perfection-ias-bpsc.jpg)