बिहार के इस जिले में होगी शिमला मिर्च, स्ट्रॉबेरी, और सेब की खेती, सरकार देगी प्रशिक्षण और अनुदान
बिहार के जागरूक किसान परंपरागत खेती के अलावा भी बेहतर आमदनी के लिए नई फसल व फलों की खेती करने में आगे आ रहे हैं। चकाचौंध भरे शहरी जीवन को अच्छा और गांव के जीवन को पुराना व पिछड़ा समझने की गलती करने वालों को ये सबक है। अगर नई लीक पकड़ कर मेहनत से काम किया जाए तो सबकुछ गांव में भी मिल सकता है। ऐसे माहौल मेें जहां अधिकतर किसान खेती छोड़ दूसरे व्यवसाय की ओर रूख कर रहे हैं।
वहीं भागलपुर के बिहपुर प्रखंड के झंडापुर के युवा सौरभ कुंवर ने एमबीए व कंप्यूटर इंजीनियरींग करने के बाद मिली नौकरी छोड़ खेती, बागवानी एवं मत्स्यपालन को अपना कैरियर बनाया। अब सौरभ गांव में ही अब स्ट्राबेरी, टमाटर, शिमला मिर्च, सेब व खीरा भी उगाएगें। इसकी खेती करने वाले इच्छुक किसानों को 25 लाख रुपये तक का अनुदान सरकार की ओर से दिया जा रहा है। आईये जानते है विस्तार से……..
एफएलडी योजना के तहत नेट हाउस तैयार
![Net house ready under FLD scheme](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/02/Net-house-ready-under-FLD-scheme.jpg)
इसके लिए झंडापुर में ही वे अपनी नीजि जमीन पर 60 डिसमील जमीन पर बिहार सरकार के एफएलडी योजना के तहत नेट हाउस तैयार हो गया है। इस नेट हाउस के पूरे सेटअप को तैयार करने में सील बायोटेक कंपनी के कर्मी जुटे हु हैं। सौरभ ने बताया कि इस नेट हाउस में पूरी खेती जैविक खाद से होगी।
इसके अंदर खेती अनुरूप न सिर्फ निर्धारित तापमान रहेगा,बल्कि कृत्रिम एवं प्राकृतिक बारिश का पानी फसल व फलों की खेती को मिलेगा। इस नेट हाउस की खेती में कम जगह व कम समय में अधिक मुनाफा किसानों को होगा।
गंगापार यानि नवगछिया अनुमंडल का यह क्षेत्र वातावरण के हिसाब से स्ट्राबेरी,सेब व फूल आदि की खेती के लिए अनुकूल नहीं है। लेकिन इस नेट हाउस में ऐसी खेती को उसके अनुसार वातावरण मिलेगा।
प्रशिक्षण और 25 लाख रूपया का अनुदान
सौरभ बताते हैं कि स्ट्राबेरी,सेब,संतरा व फूल आदि की खेती के लिए उद्वान विभाग से प्रशिक्षण भी लिया है। नेट हाउस के साथ ही जैविक खाद उत्पादन व भंडारण भी होगा।इसके लिए वर्मी कंपोस्ट टैंक/ईकाई का भी निर्माण हो रहा है।
चार दिन पूर्व हुई बेमौसम की बारिश ने पौधारोपण कार्य को बाधित कर दिया है। इसलिए वे नेट हाउस में टमाटर व शिमला मिर्च की खेती 15 दिनों के अंदर शुरू कर देगें।इसके लिए इच्छुक किसान को सरकार 25 लाख रूपया का अनुदान भी देती है।
आप भी ले सकते विस्तृत जानकारी
इसके लिए इच्छुक किसान जिला उद्यान पदाधिकारी,भागलपुर से विस्तृत जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। वहीं बगरी रेलवे ओवर ब्रिज के पास अपने खेत में भी पांच दिन के अंदर सेब की खेती शुरू कर देगें।
इसके लिए भागलपुर में जिला उद्यान पदाधिकारी विकास कुमार के द्वारा बीते तीन फरवरी को 312 एवं प्रखंड के अमरपुर निवासी किसान संजय कुमार चौधरी को 187 सेब का पौधा उपलब्ध कराया गया है।
मुख्यमंत्री से भी सम्मानित हो चुके है सौरभ
![cm nitish kumar](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/02/cm-nitish-kumar.jpeg)
बागवानी व हरियाली मिशन में उत्कृष्ट कार्य के लिए सीएम नीतीश कुमार ने सौरभ को वर्ष 2018 में सम्मानित भी किया है। सौरभ ने प्राथमिक शिक्षा चेन्नई में,1999 में किशनगंज के बाल मंदिर सीनियर सेकेंड्री स्कूल से मैट्रिक,इंटर टीएनबी कालेज भागलपुर से,केकेबाग कालेज आफ इंजीनियरींग नासिक से कंप्यूटर साइंस में वर्ष 2002 से 06 में इंजीनियरींग की डिग्री लिया।
इसी कालेज से 2007 से 09 में एमबीए भी किया। ढाई वर्ष तक रिलायंस कम्यूनिकेशन में नौकरी भी की। लेकिन सौरभ का रूझान गांव और खेती, किसानी की ओर बढ़ रहा था। पापा रविेंद्र कुंवर व चाचा सुरेंद्रनाथ कुंवर की प्रेरणा से 2011 में खेती को कैरियर बनाने की ठान लिया।
सौरभ मत्स्यपालन व मछली का बिचड़ा भी कर रहे उत्पादन
सौरभ ने राज्य के सीएम नीतीश कुमार के हरियाली मिशन से प्रभावित होकर सात एकड़ जमीन में पापुलर के पौधे लगाए। सौरभ ने करीब छह एकड़ में मत्स्यपालन व मछली का बिचड़ा उत्पादन के लिए अपने हेचरी प्लांट को भी बीते वर्ष शुरू किया है।
मछली का बिचड़ा के लिए कोसी क्षेत्र व नवगछिया के मत्स्यपालक बंगाल जाते थे। अब बंगाल जाने वाले 60 फीसदी मत्स्यपालकों को यहीं पर अच्छे किस्म का बिचड़ा उपलब्ध होने लगा है। सौरभ कहते हैं कि इसमें सरकार 15 लाख तक का अनुदान देती है। मत्स्यपालकों के आर्थिक रूप से अधिक लाभप्रद मछली बंग्सा के लिए उन्होंने बायोप्लाक प्लांट तैयार कर लिया है।