बिहार के सभी 38 जिलों से होकर गुजरेगी ये 5 एक्सप्रेसवे, जानिए पूरा रूट प्लान
बिहार से होकर एक और एक्सप्रेसवे गुजरेगा। केंद्र सरकार की ओर से वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे को मंजूरी मिलने के साथ ही अब राज्य में 5 एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाएगा। यह नया ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे 8 लेन का होगा और बिहार में करीब 159 किमी तक कवर करेगा। कैमूर, रोहतास, औरंगाबाद और गया होकर झारखंड बोकारो, रांची होते हुए पश्चिम बंगाल के पुरुलिया तक जाएगा। यहां यह भी बता दें कि बिहार से होकर पटना कोलकाता और गोरखपुर सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे भी प्रस्तावित है। इसके साथ ही बिहार का पहला एक्सप्रेसवे औरंगाबाद-जयनगर एक्सप्रेसवे, दूसरा रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे, तीसरा पटना-कोलकाता एक्सप्रेसवे, चौथा बक्सर- भागलपुर एक्सप्रेसवे और अब पांचवां एक्सप्रेसवे वाराणसी-कोलकाता है।
अगर ये पांचों एक्सप्रेसवे बन जाते हैं, तो बिहार के सभी जिले इससे कवर हो जाएंगे। यहां यह बता दें कि पहले एक्सप्रेसवे औरंगाबाद से जयनगर के बीच निर्माण के लिए जमीन अधिग्रहण हो चुका है और टेंडर के बाद शीघ्र ही इसका निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
1. औरंगाबाद-जयनगर एक्सप्रेसवे

यह एक्सप्रेसवे गया से ये जहानाबाद और नालंदा के बॉर्डर से गुजरते हुए पटना में कच्ची दरगाह में आएगी। यहां से बिदुपुर (पटना) के बीच बन रहे 6 लेन पुल से चकसिकंदर, महुआ (वैशाली) के पूरब होते हुए ताजपुर (समस्तीपुर) जाएगी। वहां से दरभंगा एयरपोर्ट के समीप से गुजरते हुए जयनगर में समाप्त होगी। औरंगाबाद से जयनगर तक की यह सड़क 271 किलोमीटर लंबी होगी।
इस सड़क से पटना का गया और दरभंगा एयरपोर्ट से सीधा संपर्क हो जाएगा। कच्ची दरगाह बिदुपुर के बीच बन रहे पुल के माध्यम से ये वैशाली में प्रवेश करेगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस पुल को ताजपुर तक जोड़ने को कहा है। ऐसे में इसकी उपयोगिता और बढ़ जाएगी।
वैशाली से समस्तीपुर व दरभंगा होते हुए नेपाल सीमा पर जाकर जयनगर में यह सड़क खत्म होगी। इस तरह फोरलेन बनने वाली यह सड़क पटना के अलावा गया, औरंगाबाद, जहानाबाद, वैशाली, समस्तीपुर, दरभंगा व मधुबनी समेत 8 जिलों से होकर गुजरेगी।
2. रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे

नेपाल सीमा पर स्थित बिहार के रक्सौल से हल्दिया तक रज्य का दूसरा एक्सप्रेस-वे छह से आठ लेन का होगा। बिहार के इस दूसरे एक्सप्रेस-वे का निर्माण अगले साल से शुरू होगा। यह करीब 695 किमी लंबा होगा, जिसके निर्माण पर 54 हजार करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके निर्माण को पूरा करने की समय सीमा वर्ष 2024-25 है। फिलहाल इस एक्सप्रेस-वे की डीपीआर की प्रक्रिया शुरू होने वाली है।
अब तक मिली जानकारी के अनुसार रक्सैल-हल्दिया एक्सप्रेस-वे पूरी तरह ग्रीनफील्ड होगा और इसमें बीच में नहीं चढ़ा जा सकेगा। यह बिहार के 9 जिलों से होकर गुजरेगी, इनमें पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, मुजफ्फरपुर, सारण, पटना, बिहारशरीफ, शेखपुरा, जमुई और बांका शामिल हैं। इसके बाद यह एक्सप्रेस-वे झारखंड में प्रवेश कर सरैयाहाट, नोनीहाट व दुमका से पश्चिम बंगाल के पानागढ़ से हल्दिया पोर्ट चला जाएगा।
3. बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेसवे

बिहार का तीसरा एक्सप्रेस-वे बक्सर से भागलपुर तक बनेगा। अभी बक्सर से दिल्ली तक पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे का निर्माण हो रहा है। पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को ही भागलपुर को जोड़ा जाएगा। इसकी लंबाई 350 किलोमीटर होगी। इस एक्सप्रेस-वे का जुड़ाव गंगा में बने सभी पुलों से भी होगा जिससे राज्य की सड़क सम्पर्कता में भी वृद्धि होगी। बिहार के बक्सर, भागलपुर और पटना के बाद इसमें बिहार का भागलपुर भी जुड़ जाएगा।
4. पटना-कोलकाता एक्सप्रेसवे

यह एक्सप्रेसवे बिहार के 5 जिलों को कवर करेगा और पटना (बख्तियारपुर), नालंदा (बिहारशरीफ), शेखपुरा, जमुई (सिकंदरा और चकाई), बांका के कटोरिया होते हुए मधुपुर, दुर्गापुर और पानागढ़ से ये रोड ढालकुनी से आगे बढ़ेगा। बिहारशरीफ, सिकंदरा, चकाई से सीधे झारखंड में देवघर जिले के देवीपुर में प्रवेश करेगा।
देवीपुर में ये एक्सप्रेसवे एम्स को जोड़ने वाली प्रस्तावित फोरलेन सड़क को कनेक्ट करते हुए मधुपुर की ओर निकल जाएगी। इससे देवघर की बिहार और बंगाल से कनेक्टिविटी बढ़ेगी। भारतमाला परियोजना फेज-2 के तहत ये ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे पुराने भीड़भाड़ वाले राष्ट्रीय राजमार्ग एनएच-2 के विकल्प के रूप में काम करेगा।
5. गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे

गोरखपुर से सिलीगुड़ी जाने वाले एक्प्रेस-वे का रूट बिहार के 10 जिलों में निर्धारित किया गया है। मिली जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार ने इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण की सैद्धांतिक सहमति दे दी है। इसके बाद पथ निर्माण विभाग में इस सड़क को साकार करने की कवायद शुरू कर दी गई है।
गोरखपुर- सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे सबसे पहले गोपालगंज में प्रवेश करेगा, इसके बाद सीवान, छपरा, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, सहरसा, पूर्णिया, किशनगंज होते हुए सिलीगुड़ी जाएगा। इस एक्सप्रेस-वे का पूरा हिस्सा ग्रीनफील्ड होगा। यह भी जानकारी मिली है कि किसी पुरानी सड़क को एक्सप्रेस-वे में शामिल नहीं किया जाएगा।