CDS बिपिन रावत को 21 के बजाय 17 तोपों की दी गई सलामी, जाने वजह
CDS जनरल बिपिन रावत को 21 के बजाय 17 तोपों की दी गई सलामी, जाने वजह- तमिलनाडु के कन्नूर में हेलीकॉप्टर (Helicopter Crash) हादसे में जान गवांने वाले भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) के शव का अंतिम संस्कार किया गया । उन्हें 17 तोपों की सलामी दी गई। आमतौर पर भारत में 21 तोपों की सलाम दी जाती है। लेकिन बिपिन रावत को 17 तोपों की सलामी दी गई। चलिए जानते हैं वजह ।
आखिर तोपों की सलामी क्यों दी जाती है इसके पीछे क्या वजह है ये सवाल आपके मन में आता होगा । अलग-अलग मौकों पर तोपों की संख्या अलग क्यों होती है? 21 तोपों की सलामी के स्थान पर बिपिन रावत को 17 तोपों की सलामी क्यों दी गई ये भी बहुत से लोग जानना चाहते होंगे ।
सम्मान का है प्रतीक
तोपों की सलामी सम्मान (state honor) देने की एक प्रक्रिया है। जिसका फैसला सरकार करती है किसे राजकीय सम्मान देना है किसे नहीं। राजनीति, साहित्य, कानून, विज्ञान और कला के क्षेत्र में योगदान करने वाले शख्सियतों के निधन पर राजकीय सम्मान दिया जाता है । गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस सहित कई अन्य मौकों पर तोपों की सलामी (Gun salute) दी जाती है। भारतीय सेना के सैन्य सम्मान उन सैनिकों को दिया जाता है जिन्होंने शांति अथवा युद्ध काल में अपना विशेष योगदान दिया हो। अर्थात हम कह सकते हैं की विभिन्न क्षेत्र में देश को दिए गए योगदान के लिए तोपों की सलामी दी जाती है ।
क्यों दी गई 17 तोपों की सलामी
भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत (CDS General Bipin Rawat) को 17 तोपों की सलामी दी गई । 17 तोपों की सलामी हाई रैंकिंग सेना अधिकारी, नेवल ऑपरेशंस के चीफ और आर्मी और एयरफोर्स के चीफ ऑफ स्टाफ को दी जाती है। भारत में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ का पद नया है। चूंकि ये पद सेना से जुड़ा हुआ है इसलिए उन्हें भी 21 नहीं बल्कि 17 तोपों की ही सलामी दी गई। कई मौकों पर भारत के राष्ट्रपति, सैन्य और वरिष्ठ नेताओं के अंतिम संस्कार के दौरान 21 तोपों की सलामी दी जाती है।