Crores will be spent in the settlements of minorities in Bihar

बिहार में अल्पसंख्यकों की बस्तियों में खर्च होंगे करोड़ों, पढाई, खेलकूद के साथ सोलर प्लांट की होगी व्यवस्था

बिहार में अल्‍पसंख्‍यकों की आबादी वाली बस्‍त‍ियों के विकास के लिए सरकार अलग से योजना बना रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने बस्तियों के विकास के लिए 272 करोड़ 42 लाख रुपये की कार्ययोजना की स्वीकृति दी है। वित्त विभाग की मंजूरी से राशि जल्द जिलों को जारी होगी। विभाग के एक उच्चपदस्थ अधिकारी ने बताया कि वित्त विभाग को राशि स्वीकृति संबंधी प्रस्ताव भेजा गया है। प्रस्ताव पर मंजूरी मिलने के बाद विभिन्न विकास योजना के क्रियान्वयन कार्य आरंभ किया जाएगा

अल्‍पसंख्‍यकों के कल्‍याण के लिए अलग है विभाग

राज्‍य में अल्‍पसंख्‍यकों के कल्‍याण के लिए सरकार ने अलग से विभाग बनाया है। यह विभाग कई तरह की योजनाएं संचालित करता है। साथ ही संबंधित तबके से जुड़े मसलों पर जागरुकता के लिए भी काम करता है।

government is planning for the development of minority population in Bihar
बिहार में अल्‍पसंख्‍यकों की आबादी वाली बस्‍त‍ियों के विकास के लिए सरकार अलग से योजना बना रही

सोलर एनर्जी सिस्‍टम लगाने का भी प्रस्‍ताव

अल्पसंख्यक बहुल बस्तियों में सोलर एनर्जी सिस्टम लगाने का प्रस्ताव भी है। वक्फ बोर्ड की जहां भूमि खाली है, उस पर बहुउद्देशीय भवन के निर्माण की योजना तैयार की गयी है। ऐसे भवन में वक्फ बोर्ड का कार्यालय, पुस्तकालय, आडिटोरियम और कोचिंग सेंटर आदि की व्यवस्था होगी।

Proposal to install solar energy system in minority dominated settlements
अल्पसंख्यक बहुल बस्तियों में सोलर एनर्जी सिस्टम लगाने का प्रस्ताव

दुकान एवं मार्केट कांप्लेक्स आदि का निर्माण भी होगा। सभी जिलों से अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों के विकास कार्य संबंधी प्रस्ताव भी मांगे गए हैं। अल्पसंख्यक युवाओं को प्रशिक्षण और रोजगार आदि संबंधी प्रस्ताव देने को कहा गया है। प्रस्ताव के आधार पर कई योजनाओं को मूर्त रूप दिया जाएगा।

कौशल विकास से खेलकूद तक पर जोर

अल्पसंख्यक बहुल बस्तियों के युवाओं के लिए कौशल विकास केंद्र, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, मिनी स्पोट्र्स कांप्लेक्स का निर्माण होगा। इसके अतिरिक्त मुसाफिरखाना, विवाह भवन, व्यावसायिक भवन, दुकान व मार्केट कांप्लेक्स आदि का निर्माण होगा। इसके लिए जिलों से अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्रों में जमीन की उपलब्धता की रिपोर्ट जिलाधिकारियों से मांगी गई है।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *