बिहार के दिव्यांग सूरज के हौसले को सलाम, एक पैर और हाथ नहीं करता काम, 2.5 KM पैदल जाता है स्कूल
बिहार के जमुई में 15 साल के दिव्यांग सूरज का संघर्ष दूसरे लोगों के लिए प्रेरणा है। पढ़ाई करने को लेकर उसकी जिद ऐसी है कि हर दिन घर से ढाई किमी दूर स्कूल पैदल चलकर जाता है। एक हाथ और एक पैर से लाचार सूरज इसे कभी अपने विकास में रोड़ा बनने नहीं दे रहा है। बचपन (2 साल) में ही पोलियो से ग्रसित हो गया था। इस वजह से उसका एक हाथ और पैर काम नहीं करता है।
![15 year old Divyang Surajs struggle in Jamui is an inspiration to others](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/08/15-year-old-Divyang-Surajs-struggle-in-Jamui-is-an-inspiration-to-others.png)
शिक्षक बनना चाहता है सूरज
सिकदंरा प्रखंड के गौहर नगर का रहने वाला सूरज पढ़ाई करने के बाद शिक्षक बनना चाहता है। शिक्षक बनकर अपने इलाके में शिक्षा की अलग जगाना चाहता है। खासकर गरीब बच्चों को पढ़ाने की इच्छा रखता है। बेहद गरीब परिवार से आने वाले सूरज के पिता भी हैं।
![Surajs presence in school is highest](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/08/Surajs-presence-in-school-is-highest.png)
मां ललिता देवी के भरोसे ही पूरा परिवार है। सूरज की मां ललिता देवी ने बताया कि यह बचपन से ही जिद्दी है। जिद्दी होने के कारण यह हर दिन स्कूल पढ़ने चला जाता है। इसका एक पैर और एक हाथ पूरी तरह काम नहीं करता है। उन्होंने यह भी कहा कि बच्चे को आगे भी पढ़ाएंगे।
सूरज की मां मजदूरी करती है
ललिता देवी मजदूरी और खेती करती है। घर में सूरज दूसरे नंबर है। इससे बड़ा एक भाई और दो छोटी बहने हैं। बड़ा भाई भी मजदूरी ही करता है। दिव्यांग और गरीब परिवार से होते हुए भी सूरज घर से ढाई किमी दूर पालो सिंह उच्च विद्यालय हर दिन जाता है।
![Surajs mother Lalita Devi does labor and farming](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/08/Surajs-mother-Lalita-Devi-does-labor-and-farming.png)
कभी-कभी उसके दोस्त साइकिल से भी ले जाते हैं। नवमी क्लास में पढ़ने वाले सूरज के शिक्षक का कहना है कि वह पढ़ने में काफी तेज है।
स्कूल के छात्रों के लिए रोल मॉडल
![Suraj role model for school students](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/08/Suraj-role-model-for-school-students.png)
शिक्षक संजय कुमार ने बताया कि सूरज की वजह से स्कूल के अन्य बच्चों का भी हौसल बढ़ता है। स्कूल में लोग उसका उदाहरण देकर बच्चों को प्रोत्साहित करते हैं। उन्होंने बताया कि सूरज स्कूल के छात्रों के लिए भी रोल मॉडल है। पढ़ाई के प्रति उसकी जिद देखकर लगता है कि एक दिन वह जरूर अपने सपनों को पूरा करेगाा।
![bpsc classes](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/08/bpsc-classes.jpg)