बिहार में किसान ड्रोन की शुरुआत, किसानों को मिलेगी मदद, रोजगार के साथ होंगे ये फायदे
PM मोदी ने शनिवार को ही ‘100 किसान ड्रोन‘ योजना का उद्घाटन किया। इसके अगले ही दिन रविवार 20 फ़रवरी को बक्सर में किसानों ने इसका सफल परीक्षण भी कर लिया है। रविवार को बक्सर के चौसा के गोसाईंपुर गांव में ड्रोन का प्रयोग कर खेतों में यूरिया व कीटनाशक दवाओं का छिड़काव किया गया।
यहां मौजूद एक्सपर्ट्स ने बताया कि ड्रोन का उपयोग सिर्फ छिड़काव तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि इससे खेती के तौर-तरीके ही बदल जाएंगे। साथ ही रोजगार के कई तरह के नए मौके भी बनने वाले हैं। आईये जानते हैं, इस ड्रोन का इस्तेमाल कृषि में कैसे किया जाएगा और इससे रोजगार की क्या-क्या संभावनाएं बन रही हैं।

ड्रोन के क्या हैं उपयोग और कैसे मिलेगा रोजगार?
बक्सर में सफल परीक्षण करने वाले एक्सपर्ट राधेश्याम सिंह ने बताया कि यह किसानों को परंपरागत खेती से छुटकारा तो दिलाएगा। साथ ही इससे किसानों को समय की भी काफी बचत होगी। पहले किसानों और कृषि को होनेवाले फायदे की बात –

ड्रोन बहुत कम समय में पूरे खेत में दवा व उर्वरक का छिड़काव कर सकता है। इससे 20 मिनट में 3.5 एकड़ खेत में छिड़काव किया जा सकता है। यानी 6 मिनट में एक एकड़ खेत में आसानी से छिड़काव हो सकता है।
इसमें 10 लीटर की टंकी लगी है, जो एक बार में एक एकड़ में लगी फसलों पर छिड़काव कर सकती है। जितनी बार इसकी टंकी खाली होगी, अपने आप वापस आकर फिर दवा का घोल भर जहां से छोड़ा है, वहां पहुंच फिर आगे छिड़कने का कार्य करने लगेगा। एक सेंटीमीटर का भी अंतर नहीं आएगा।
किसान धूप में कहीं छायादार जगह पर बैठ एक किमी तक अपने खेत में दवा-खाद का छिड़काव कर सकते हैं। इसमें लगने वाले मजदूर की जरूरत नहीं है।
दवा छिड़काव से स्वास्थ्य पर पड़नेवाले हानिकारक प्रभाव से बचा जा सकता है। छिड़काव के दौरान खेतों में मौजूद जहरीले जंतुओं से बचा जा सकेगा।
सुरक्षा की दृष्टि से इसमें हाइलेवल सेंसर व कैमरे लगे हैं। यह अपने आसपास तार व पेड़ को 25 मीटर पहले ही देख लेता है और उससे बचकर निकल लेता है।
इसमें लगा सेंसर खेतों में नमी के साथ पौधों में लगने वाले रोगों को भी पहचान लेगा। साथ ही इसके माध्यम से आप अपने लैंड को भी माप सकते हैं।
ड्रोन से मिलने वाले रोजगार की बात

कोई भी किसान इसे खरीद अपने आसपास के खेतों में 200-300 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव कर रोजगार कर सकते हैं।
कोई भी युवा जो 18 साल की उम्र पार कर चुका हो और मैट्रिक पास हो, 5 दिन की ट्रेंनिग लेकर इसे उड़ा सकता है।
इसके लिए देश में 13-14 मान्यता प्राप्त कोचिंग संस्थाएं है, जो ड्रोन पायलट का प्रमाण पत्र देते हैं। खास कर इसमें महिलाओं के लिए सुनहरा अवसर है।
रजिस्टर्ड किसान ग्रुप को 75℅ सब्सिडी पर ड्रोन
राधेश्याम सिंह ने बताया कि उन्होंने यहां स्थानीय किसान ललन चौबे के एक एकड़ गेंहू की फसल पर नैनो यूरिया का छिड़काव किया है। कहा कि ड्रोन की खरीद पर सरकार सब्सिडी दे रही है।
इसमें किसानों के वैसे रजिस्टर्ड ग्रुप जो बिहार के जैम पोर्टल पर रजिस्टर्ड है, उन्हें 75% सब्सिडी दे रही है। अगर किसी ने एग्रीकल्चर से ग्रेजुएशन किया है तो वह कस्टमर हायरिंग सेंटर खोल सकता है। ऐसे लोगों को सरकार 40 से 100% तक सब्सिडी दे रही है।