बिहार के किसान मखाना के खेती से कमा रहे सालाना 10 लाख, लोगों को दे रहे रोजगार
बिहार के मोतिहारी के एक किसान मखाने की खेती कर के हर साल 10 लाख रुपया से अधिक कमा रहे हैं। इतना ही नहीं गांव और आसपास के लोगो को रोजगार भी दे रहा है। अगर सरकार के तरफ से मदद मिलती तो और बेहतर कर लोगो को रोजगार देते साथी ही और किसान इस खेती से जुड़ते।
मोतिहारी के बंजरिया प्रखंड से हो कर गुजड़ने वाली धनौती नदी में किसान ललन चौधरी, पिछले चार वर्ष से इसमें मखाने की खेती करते हैं। सीजन में लगातार पांच से लेकर आठ लोगो को रोजगार देते है, जब मखाना निकालने का समय आता है तो उस वक्त 40 से 50 मजदूर काम करते है।

क्या कहते है किसान?
मखाने की खेती करने वाले किसान ललन चौधरी बताते है कि पिछले चार वर्ष से मखाने की खेती कर रहे हैं। पहले साल बढ़िया बचत हुआ था, लेकिन पिछले दो साल से समय से पहले बाढ़ आने के कारण बहुत सारा मखाना दह गया, हालांकि बहुत नुकसान नहीं हुआ लेकिन बचत भी बहुत नहीं हुई, लेकिन इस वर्ष मखाने पा पैदावार बेहतर होने की संभावना है। अगर समय से पहले इस वर्ष बाढ़ नहीं आती है तो।

रोजाना 5 से 8 मजदूर को मिलता है रोजगार
किसान ललन चौधरी ने बताया कि मखाना की खेती शुरू होते ही पांच से आठ मजदूर को रोज काम मिलता है। जब मखाना निकलने का समय आता है तो 40 से 50 मजदूर रोज काम करते हैं। हालांकि इन मजदूरों को काम नहीं मिलने से इनकी संख्या में कमी आ रही है।

क्योंकि पानी के अंदर एक से दो मिनट डुबकी लगा कर बास के बने चिलौज में उसे भरा जाता है फिर नाव पर रख कर उसे साफ किया जाता है। इस क्षेत्र में रोजगार नहीं मिलने से युवा यहां काम नहीं करना चाह रहे।
सरकार का मिलता मदद तो और भी किसान करते खेती
किसान ललन चौधरी बताते है की उन्हें सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिलता है। अगर सरकार के तरफ से इस में मदद मिलता तो और भी किसान खेती करते। सरकार का इस तरफ कोई ध्यान ही नहीं है। जिसके कारण खुद के दम पर खेती कर रहे हैं।

साथ हीं किसानों ने बताया सरकार को मखाने की खेती करने वाले किसानों पर ध्यान देनी चाहिए,चुकी डीजल का मूल्य में प्रतिदिन वृद्धि हो रहा है।इस धूप में खेतों में लगातार पानी की कमी होने के करण पंप सेट के माध्यम से पानी पटवन करना पड़ता है।जिससे खेती में ज्यादा लागत लग रहा है।