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पिता बेचते है आलू-प्याज, बेटी के BPSC क्लियर होने पर फुट-फुटकर रोए, जूही बनेंगी अफसर

जब कोई बेटी, बाप का नाम रोशन करे तो पिता कितना खुश होता है, इसकी तस्वीर सामने आयी है। सारण की बेटी जूही कुमारी (Juhi Kumari BPSC Saran) ने बीपीएससी में सफलता हासिल की तो पिता के आंखों से आंसू झलक पड़े। जूही के पिता अनिरुद्ध प्रसाद गुप्ता भावुक होकर रोने लगे। उन्होंने कहा कि ये तो खुशी के आंसू हैं।

आलू प्याज बेचने वाले की बेटी बनी अफसर

दरअसल, मढ़ौरा में आलू-प्याज बेचने वाले अनिरुद्ध प्रसाद की बेटी जूही बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर ली (BPSC 66th Final Result) है। वो मढ़ौरा खुर्द की रहने वाली हैं। जूही कुमारी तीन बहन और एक भाई में सबसे छोटी हैं। उनके पिता आलू प्याज के थोक विक्रेता हैं जो मढ़ौरा में आलू प्याज बेचकर अपनी सबसे छोटी बेटी को पढ़ाया है।

Juhi, daughter of Anirudh Prasad, a potato-onion seller, passed the Bihar Public Service Commission examination.
आलू-प्याज बेचने वाले अनिरुद्ध प्रसाद की बेटी जूही ने बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर ली

तीसरे प्रयास में सफल हुईं जूही

जिसके लिए जूही BPSC परीक्षा की तैयारी करने लगीं। दो बार मेंस में असफल होने के बाद हिम्मत नहीं हारीं। उनके बड़े भाई ने उनका हौंसला बढ़ाया। उनके पिता ने भी उनका साथ दिया। तीसरे प्रयास में सफलता हासिल कीं।

उनके इस कामयाबी पर पूरे परिवार में जश्न का माहौल है। परिवार और इलाके को जूही पर गर्व है कि उसने अपनी मेहनत और लगन से BPSC की परीक्षा पास कर दूसरों के लिए मिसाल बन गई।

Juhi succeeds in third attempt
तीसरे प्रयास में सफल हुईं जूही

”मैंने बेटा-बेटी में कभी फर्क नहीं किया। मैंने तो सौच लिया था, चाहे जमीन क्यों ना बेचनी पड़े, बेटा-बेटी को पढ़ाकर रहेंगे। आज मुझे अपनी बेटी पर गर्व है। ये खुशी के आंसू हैं। जूही की इंटर तक पढ़ाई मढ़ौरा में हुई जबकि ग्रेजुएशन छपरा से की है। वो दो बार मेंस की परीक्षा में असफल होने के बाद तीसरी बार में सफलता हासिल की है।’- अनिरुद्ध प्रसाद गुप्ता, बीपीएससी पास करने वाली जूही के पिता

बेटी की कामयाबी पर पिता की आंखों से छलका आंसू

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उनके पिता ने जब बेटी की सफलता के बारे में सुना तो फूट फूटकर रोने लगे। उन्होंने कहा कि मैंने बेटा और बेटी में कभी कोई फर्क नहीं किया। मैंने सोच लिया था चाहे जमीन ही क्यों ना बेचनी पड़ी। बच्चों को पढ़ाएंगे। आगे उन्होंने कहा आज मुझे अपनी बेटी पर गर्व है। ये खुशी के आंसू हैं।

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