Father sold the land and got the pitch made for the son

बिहार: इंजीनियर बनने भेजा खेलने लगा क्रिकेट, अखबार में छपी फोटो तो जमीन बेचकर बनवाया क्रिकेट पिच

बिहार के सहरसा में एक किसान ने बेटे के लिए जमीन बेचकर घर के आंगन में ही क्रिकेट पिच बनवा दिया। प्रैक्टिस के लिए नेट भी लगवाया है। किसान ने बेटे को इंजीनियर बनाने के लिए कोटा भेजा था। क्रिकेट में अच्छा खेलने पर पेपर में उसकी फोटो छपी। इसके बाद बेटे की लगन देख कर पिता उसे क्रिकेटर बनाने में जी जान से जुटे हैं।

दरअसल, सहुरिया गांव के रहने वाले रामचन्द्र यादव ने बेटे की क्रिकेट प्रैक्टिस के लिए घर के आंगन में ही 35 फीट लंबा और 10 फीट चौड़ा पिच बनवा दिया है। इसमें उनके करीब 80 हजार रुपए खर्च हुए। इसके लिए उन्हें पुश्तैनी जमीन भी बेचनी पड़ी। अब वे प्रैक्टिस में हर महीने दस हजार से पंद्रह हजार रुपए खर्च करते हैं। उन्होंने क्रिकेट की प्रैक्टिस के लिए सारा सामान खरीदा है। उनके 4 संतानों में अतुल तीसरे नंबर पर है।

A farmer sold land for his son and got a cricket pitch made in the courtyard of the house.
एक किसान ने बेटे के लिए जमीन बेचकर घर के आंगन में ही क्रिकेट पिच बनवा दिया

स्थानीय क्रिकेटर के रूप में बन गई अतुल की पहचान

अतुल के 10वीं पास कर लेने के बाद रामचन्द्र यादव ने उसे पढ़ने के लिए अपने बड़े बेटे के पास कोटा भेज दिया था। पढ़ाई के साथ वह कोटा में क्रिकेट की भी प्रैक्टिस कर रहा था। इस दौरान मैच खेलने के दौरान अतुल ने अपनी बल्लेबाजी और गेंदबाजी की प्रतिभा दिखाई। इसके बाद स्थानीय क्रिकेटर के रूप में अतुल की पहचान बन गई।

Atul practicing on the net
नेट पर प्रैक्टिस करता अतुल

बेहतर प्रदर्शन किया तो अखबार में छपी तस्वीर

क्रिकेट मैच को लेकर अतुल एक सप्ताह के लिए जयपुर चला गया। यहां उसका अच्छा प्रदर्शन रहा और अखबार में भी तस्वीर छपी थी। उसके बाद अतुल के पिता को जानकारी हुई कि अतुल को क्रिकेट से ज्यादा लगाव हो गया है।

Farmer Ramchandra Yadav (left) Atul (right)
किसान रामचन्द्र यादव (बाएं), अतुल (दाएं)

हालांकि पिता ने अपने बेटे को बहुत समझाने की कोशिश की। लेकिन बेटा अतुल मानने को तैयार नहीं था और क्रिकेट खेलने को लेकर वो जी जान से मेहनत करने लगा।

बेटे की लगन देख, पिता ने बनवाया पिच

पिता ने अतुल को कोटा से बुलाकर पटना भेज दिया। लेकिन जब वहां भी क्रिकेट से लगाव नहीं छुटा। इसके बाद पिता ने उसके खेल को देखना शुरू किया और जब बेटे को अच्छा खेलते देखा तो उन्होंने कहा- तुम अपना करियर क्रिकेट ही चुन लो और खेलो।

मैं तुम्हारी मदद करूंगा। अतुल जब लॉकडाउन में घर आया तो पिता ने मार्च 2020 में घर के आंगन में ही पिच बनवा दिया। यहां अतुल ने प्रत्येक दिन 6 से 7 घंटे प्रैक्टिस करना शुरू कर दिया।

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