बिहार के चायवाले की दरियादिली, मेहनत के बचाये पैसे से गरीबों में बांटे 200 कम्बल
देश में एक से बढ़कर एक दानी हुए हैं, लेकिन खुद मुफ्लिसी में दिन काट रहा कोई शख्स अपनी मेहनत के रुपयों से गरीबों के लिए कंबल खरीदे, भूखों को भोजन कराए और ठंड में अलाव जलवाए तो यह बड़ी बात कही जाएगी। बिहार के गया में चाय बेचकर गुजारा करने वाले संजय चंद्रवंशी ऐसे ही एक शख्स हैं, जिन्होंने पिछले कई सालों से गरीबों, भिखारियों और अर्द्धविक्षप्तों की सेवा का काम जारी रखा है।
हाल में उन्होंने अपनी आमदनी से गरीबों के लिए दो सौ कंबल खरीदे और बांट दिए। सेवा अब संजय का जुनून बन गया है। संजय बताते हैं कि उनके पिता ओर दादा भी इसी तरह सेवा के काम में लगे रहते थे। वे चाहते हैं कि सरकार रैन बसेरा बनाए जिससे गरीबों की सेवा काम उनके लिए थोड़ा आसान हो सके।
ठेले पर चाय बेचते हैं संजय
संजय चंद्रवंशी गया के गौतम बुद्ध मार्ग के गोल पत्थर मोड़ के पास ठेले पर चाय बेचते हैं। उन्हें जानने वाले कहते हैं कि गरीबों, असहायों और विक्षिप्त लोगों के लिए संजय हमेशा समर्पित रहते हैं। पूरे दिन चाय, सत्तू और जूस बेचने से जो भी आमदनी होती है, उसका एक हिस्सा संजय गरीबों को भोजन कराने पर खर्च कर देते हैं। संजय को यह प्रेरणा उनके पिता से मिली। संजय बताते हैं कि उनके परिवार में दूसरों की मदद और दान की परंपरा दादा जी के भी पहले के समय से चली आ रही है।
Bihar: A tea seller in Gaya spends a part of his income on underprivileged people
We have distributed 200 blankets to the poor. My father & grandfather also used to do this. If govt makes a night shelter, it will be more convenient to serve them: Tea seller Sanjay Chandravanshi pic.twitter.com/kb7uX9dj8t
— ANI (@ANI) February 1, 2022
गरीबों को भोजन भी कराते हैं
मूल रूप से गया के इमामगंज प्रखंड के केन्दुआ गांव के रहने वाले संजय बताते हैं कि उनके दादा हमेशा गरीब और असहाय लोगों की मदद किया करते थे। उनके पिता गरीब लोगों की जरूरत के हिसाब से मदद करते थे। आज संजय भी आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी न होने के बावजूद रोज 20 से 25 या इससे अधिक संख्या में जुटे गरीबों को भोजन कराते हैं। इसके अलावा वह सुबह ठेले के पास मौजूद गरीबों को चाय और बिस्किट भी देते हैं।