भारत-नेपाल सीमा पर बन रही चकाचक सड़क, जमीन अधिग्रहण को लेकर उठा सवाल
भारत नेपाल सीमा पर चकाचक रोड का निर्माण कराया जा रहा है। लेकिन इससे पहले किसानों ने भूमि अधिग्रहण को लेकर सवाल उठाए हैं। दिघलबैंक प्रखंड अंतर्गत दिघलबैंक हरूवाडांगा संजय गांधी मैदान के पास बन रहे इंडो नेपाल सीमा सड़क के लिए भूमि अधिग्रहण का सही मुआवजा राशि नहीं मिलने से लोगों में आक्रोश व्याप्त है। जमीन स्वामी जैनुल पिता दोस्त मोहम्मद ने लिखित आवेदन में जिला भू अर्जन पदाधिकारी को सूचित किया है कि उनका जमीन इंडो नेपाल सीमा सड़क पर सटे हुए निवास योग्य भूमि है। उस पर स्थित दो कमरे का मकान व तीन कमरे का पक्का मकान बना हुआ था। भू अर्जन कर्मियों के द्वारा उस जमीन को खेतिहर जमीन बनाकर खेतिहर जमीन बताकर मुआवजा तय कर दिया गया है।
ग्रामीणों का कहना है, कि जब तक उन्हें जमीन के अलावा आवासीय मकान और जमीन का मुआवजा नहीं मिलता है, तब तक वह लोग अपने मकान को नहीं छोडग़े। अपनी जान को त्याग देंगे परंतु सही मुआवजा नहीं मिलने पर किसी भी सूरत पर वह अपना घर को खाली नहीं करेंगे। इस बाबत हम लोगों ने भू अर्जन पदाधिकारी किशनगंज, जिला लोक शिकायत पदाधिकारी किशनगंज, जिला पदाधिकारी किशनगंज को आवेदन देते हुए अपने घर और जमीन के सही मुआवजे की मांग की है।
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लोगों का कहना है, कि वर्षों बीतने के बावजूद भी हम लोगों के जमीन का सही मुआवजा अब तक नहीं मिल पाया है और सड़क का निर्माण कार्य भी बाधित है। आवेदन में यह जिक्र किया है कि 115 डिसमिल भूमि पर उनका मकान बना हुआ है।
परंतु सर्वे करने वाले कर्मियों के द्वारा उसे खेतीहर जमीन बनाकर मुआवजा दिया जा रहा है। उनके द्वारा यह भी आरोप लगाया जा रहा है। कर्मियों के साथ मिलीभगत कर कर कुछ ग्रामीण को बिना पक्के का मकान का भी मकान का पैसा मुआवजा दिया गया है।
आवेदनकर्ता में मोहम्मद कबीर उल इस्लाम, अनवारूल हुसैन सहित अन्य लोगों ने विभाग से आग्रह किया है कि स्थलीय जांच करते हुए आवास का पैसा आवंटन किया जाए। जिसे बिना आवास का आवास का पैसा दिया गया है, उनकी रिकवरी की जाए।
एक ही क्षेत्रों में जिसका मकान नहीं है, उसे मकान का पैसा दिया जा रहा है, और जिसका मकान बना हुआ है, उसे खेतिहर जमीन का पैसा दिया जा रहा है। यह कहीं से मुनासिब नहीं है। जमीन का उचित जांच करते हुए संबंधित लोगों पर कार्रवाई करते हुए उचित मुआवजा देने का लोगों ने मांग किया है।