बिहार में 149 आइटीआइ को विकसित करेगी सरकार और टाटा टेक, 4600 करोड़ का होगा निवेश
बिहार के श्रम संसाधन मंत्री जिवेश कुमार ने बताया कि इस एमओयू के तहत इस परियोजना के तहत कुल निवेश 4,606 करोड़ रुपये का होगा। उन्होंने बताया कि टाटा टेक की ओर से आइटीआइ में 23 नए एडवांस कोर्स संचालित होंगे। राज्य के सभी 149 सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को सेंटर आफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करने को लेकर सोमवार को बिहार सरकार और टाटा टेक के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर होगा। श्रम संसाधन मंत्री जिवेश कुमार ने बताया कि इस एमओयू के तहत इस परियोजना के तहत कुल निवेश 4,606 करोड़ रुपये का होगा। उन्होंने बताया कि टाटा टेक की ओर से आइटीआइ में 23 नए एडवांस कोर्स संचालित होंगे।
वैसे पहले चरण में नए वित्तीय वर्ष में 60 आइटीआइ को सेंटर आफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित करने का लक्ष्य पूरा होगा। इसमें उद्योग क्षेत्र की जरूरतों के हिसाब से युवाओं को ट्रेनिंग की सुविधा और फिर शिक्षण की व्यवस्था होगी। दूसरे चरण में शेष आइटीआइ को इसी पैटर्न पर विकसित करने का काम पूरा होगा।
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परियोजना में उद्योगों की भागीदारी
मंत्री जिवेश कुमार ने बताया कि टाटा टेक्नोलाजी 149 सेंटर आफ एक्सीलेंस को सभी सुविधाओं से तैयार करेगा। इस परियोजना को लागू करने के लिए 20 उद्योग इकाई की भागीदारी होगी। बता दें कि सोमवार को एमओयू के वक्त विभागीय मंत्री के अतिरिक्त टाटा टेक्नोलाजी के प्रबंध निदेशक व सीईओ वारेन हैरिस और अध्यक्ष पवन भगेरिया अध्यक्ष मौजूद रहेंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विभाग की अपर मुख्य सचिव, वन्दना किनी करेंगी।
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केंद्र से मिला 1295 करोड़
बजट सत्र से पहले मौजूदा वित्तीय वर्ष केंद्र सरकार ने बिहार के शिक्षकों के वेतन समेत अन्य स्कीम के मद में 1295 करोड़ रुपये जारी करने की सहमति दे दी है। यह राशि पहले से केंद्र सरकार के पास लंबित थी। इस राशि के मिलने में प्रदेश के विद्यालयों में संचालित शैक्षणिक योजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आएगी।
मिली जानकारी के मुताबिक समग्र शिक्षा अभियान के तहत शिक्षकों के वेतन मद में बकया राशि के बारे में शिक्षा विभाग की ओर से केंद्र सरकार को पत्र लिखा गया था। इसी तरह विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों के शिक्षकों हेतु सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किए जाने पर केंद्र द्वारा 295 करोड़ रुपये शीघ्र जारी करने का आग्रह किया गया था। यह राशि एक जनवरी, 2016 से 31 मार्च, 2019 तक के बढ़े हुए वेतन की राशि का 50 प्रतिशत, जो केंद्र सरकार से मिलना था।