बिहार में कोचिंग संस्थानों पर होगा सरकार का नियंत्रण, इन नियमों का करना पड़ेगा पालन
बिहार में अब कोचिंग संस्थानों की मनमानी नहीं चलेगी। इसको लेकर बिहार सरकार अब गंभीर हो गई है। जल्द ही अब कोचिंग संस्थानों पर सरकारी नियंत्रण वाले अधिनियम की नियमावली तैयार हो जाएगी। जिसके बाद बिना रजिस्ट्रेशन वाले कोचिंग संस्थान अवैध और अपराध की श्रेणी में आ जाएंगे। आईये जानते है की निजी कोचिंग संस्थानों को किन किन नियमों का पालन करना होगा।
बिहार के कोचिंग संस्थानों को लेकर अब नयी तैयारी शुरू हो गयी है। अब गलत तरीके से संचालित कोचिंग संस्थानों पर नकेल कसा जाएगा। अब कोचिंग के संचालन के लिए राज्य सरकार से निबंधन कराना अनिवार्य होगा। कोचिंग संस्थानों को तय मानक के हिसाब से ही सुविधाएं भी देनी होगी। अब सभी कोर्स के लिए उस योग्य शिक्षकों की टीम ही कोचिंग के साथ रह सकेगी। मनमाना फीस भी कोचिंग संस्थान नहीं ले सकेंगे।

कोचिंग संस्थानों पर सरकारी नियंत्रण
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बिहार में संचालित कोचिंग संस्थानों को लेकर अब सरकार गंभीर है। निजी कोचिंग संस्थानों की मनमानी बंद होगी और उसपर मजबूती से सरकार का नियंत्रण होगा। प्रदेश बिहार कोचिंग संस्थान(नियंत्रण एवं विनियमन) अधिनियम 2010 लागू है। जिससे कोचिंग संस्थानों पर सरकारी नियंत्रण रहेगा।

अधिनियम बनकर भी नियमावली नहीं बनी
राज्य मंत्रीमंडल, विधानसभा और विधान परिषद और राज्यपाल की स्वीकृति के बाद यह अधिनियम अप्रैल 2010 में बिहार गजट में प्रकाशित हुआ था। लेकिन अधिनियम को लागू नहीं किया जा सका था क्योंकि इसके लिए नियमावली नहीं बन सकी थी। अब इस नियमावली के लिए तैयारी तेज कर दी गयी है।
12 साल के बाद नियमावली की तैयारी शुरू
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने अब करीब 12 साल के बाद इसके नियमावली को लागू करने के लिए प्रारूप तैयार कर लिया है। इसका प्रकाशन आधिकारिक वेबसाइट पर भी कर दिया गया है। जिसपर अपर मुख्य सचिव का हस्ताक्षर है। आमलोगों से इसे लेकर सुझाव भी मांगे गये हैं। 31 मई तक लोग सुझाव दे सकते हैं।

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कोचिंग संस्थानों के लिए ये अनिवार्य
आपको बता दें कि नियमावली लागू होने के बाद महीने भर के अंदर सभी कोचिंग संस्थानों को निबंधन के लिए आवेदन देना होगा। निबंधन और नवीकरण शुल्क का भुगतान करना पड़ेगा।
वहीं आवेदन के साथ ही कोर्स से संबंधित जानकारी, फीस वगैरह की भी जानकारी कोचिंग संस्थानों को देनी होगी। कक्षाओं का आकार भी तय पैमाने के तहत ही रखना होगा। अधिकारी कोचिंग संस्थानों की जांच भी करेंगे। बिना पंजीकरण के कोचिंग चलाना अपराध की श्रेणी में आएगा।