heritage well of bakhtiarpur

बिहार में अमृत जैसा है इस कुएँ का पानी, स्वाद ऐसा की प्यास बुझने पर भी पिने का करेगा मन

क्या आपने ऐसे कुएं के बारे में सुना है, जिसका जल मीठा है। आज हमको ऐसे ही एक कुआं के बारे में बताने जा रहे हैं। यह मीठे जल का कुआं पटना जिले के बाढ़ अनुमंडल के बख्तियारपुर में श्री राधे कृष्ण मंदिर के ठाकुरबाड़ी में स्थित है। दावा किया जा रहा है कि यह बिहार में मीठे जल का एकमात्र कुआं बचा है। हाल ही में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बख्तियारपुर दौरे के दौरान यहां आए थे, जिसके बाद यह मीठे पानी का कुआं सुर्खियों में है। लिहाजा सरकार भी अब इसे इसके प्राचीन स्वरूप में लाने को गंभीर हो गई है। नगर विकास विभाग ने इस कुएं को हेरिटेज रूप देने का जिम्मा उठाया है।

बता दें कि सीएम नीतीश कुमार का बख्तियारपुर से विशेष लगाव रहा है। मीठे पानी का यह कुआं उनके पैतृक घर के ठीक सामने की गली में है। सीढ़ी घाट के निकट राधे कृष्ण मंदिर के पास मीठे पानी के कुएं को नीतीश कुमार ने भी देखा। वे यहां पिछले साल यानी 10 दिसंबर को आए थे। उसी समय इस मीठे जल के कुआं को प्राचीन स्वरूप में लाने की चर्चा हुई थी। जाहिर है मुख्यमंत्री के पैतृक घर के पास स्थित कुएं को नीतीश कुमार के दौरे के बाद पुराने स्वरूप में लाने की कवायद शुरू हो गई है।

Sweet water well is located in Thakurbari of Shri Radhe Krishna temple in Bakhtiyarpur of Patna district
पटना जिले के बख्तियारपुर में श्री राधे कृष्ण मंदिर के ठाकुरबाड़ी में मीठे जल का कुआं स्थित है

SDM ने किया निरीक्षण

बख्तियारपुर के मीठे पानी का कुआं, एक बार फिर कैसे लोगों के इस्तेमाल लायक बने, इसकी कवायद शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री के दौरे के बाद स्थानीय एसडीएम भी यहां पहुंचे थे। बाढ़ अनुमंडल के एसडीएम सुमित कुमार ने इस कुएं का निरीक्षण कर बताया कि नगर विकास विभाग इसका जीर्णोद्धार कराएगा। कुएं को सुसज्जित कर इसे हेरिटेज रूप दिया जाएगा, ताकि मीठे पानी का कुआं संरक्षित रहे और इसका पानी लोगों के इस्तेमाल लायक बना रहे।

घर में स्टोर कर सकते थे पानी

बख्तियारपुर के इस कुएं के बारे में स्थानीय शालेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि यह कुआं प्राचीन काल का है। तब इस इलाके में एकमात्र यही कुआं हुआ करता था, जिसका पानी लोग इस्तेमाल करते थे।

इस कुएं का पानी इतना साफ और मीठा है कि लोग अपने घरों में स्टोर करके रखते थे। यह पानी जल्दी खराब नहीं होता था, इसलिए कई दिनों तक इस्तेमाल किया जाता था। बख्तियारपुर निवासी उपेन्द्र सिंह ने बताया कि आज भी यहां आने वाले लोग एक बार मीठे पानी का कुआं देखने पहुंचते हैं।

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