_Life Changed By Opening The First Shocks Factory In Bihar

बिहार में पहला मोजा फैक्ट्री खोल बदली तस्वीर, लोगों को रोजगार देकर कमा रहे 2 लाख मुनाफा

कोरोना काल में अपने घर लौटे बिहार के बेतिया के शिकारपुर गांव निवासी इंजीनियरिंग संतोष उर्फ लड्डू ने अपने हुनर और मेहनत की बदौलत परिवार की जिंदगी बदल दी। उन्होंने अपने गृह जिले में मोजा फैक्ट्री खोल लगभग 15 मजदूर को रोजगार भी दिया। साथ ही वह महीने का 60 से 70 हजार रूपए कमा ले रहे।

अपने काम के बार में संतोष उर्फ लड्डू ने बताया कि एचपी इंडस्ट्रीज शिकारपुर द्वारा निर्मित एच एंड पी ब्रांड का मोजा उपभोक्ताओं की पहली पसंद बनी हुई है। बिहार का यह पहला मोजा फैक्ट्री है। यहां का उत्पाद बिहार के पूर्वी चम्पारण, पश्चमी चम्पारण, मुजफ्फरपुर,, गोपालगंज सिवान सीतामढ़ी समेत उत्तर प्रदेश, चंडीगढ़ एवं तटवर्ती देश नेपाल में निर्यात किया जा रहा है।

Santosh Kumar who opened the first stocking factory in Bihar
बिहार में पहला मोजा फैक्ट्री खोलने वाले संतोष कुमार

उधोग को बड़े पैमाने पर विकसित करने की योजना

मांग में तेजी को लेकर इस उधोग को बड़े पैमाने पर विकसित करने की योजना है। इसके लिए मैंने एसबीआई की पारस पकड़ी से 30 लाख रुपये ऋण लेने का आवेदन किया है। मैंने आपदा को अवसर में बदलने का काम किया है। चनपटिया स्टार्टअप के बाद शिकारपुर उधोग का हब बने के कगार पर है।

Santosh has applied for loan of Rs 30 lakh from Paras Pakpi of SBI to set up the factory.
फैक्ट्री लगाने के लिए संतोष ने एसबीआई से 30 लाख रुपये ऋण लेने का आवेदन दिया है

संतोष ने बताया कि वो मैकेनिकल इंजीनियरिंग किए हुए हैं। लॉकडाउन से पहले उन्होंने महाराष्ट्र, पंजाब, हरियाणा दिल्ली सहित विदेश की कंट्री यों में भी काम कर चुके हैं उन्होंने बताया कि वह मंथली में 60 से 70 हजार रूपए कमा ले रहे थे।

15 मजदूरों को देते है सैलरी

जब लॉकडाउन लगा तो वह घर पर 1 साल रह गए और उन्हें आने जाने में काफी परेशानी होने लगी। जिसके बाद उन्होंने बिहार में यानी अपने घर पर ही कुछ करने का सोचा और उन्होंने मौजा की फैक्ट्री खोल डाली आज वो अपने फैक्ट्री में 15 मजदूरों को काम दिया है उन्होंने बताया कि मैं हर महीने 10 से 25 हजार तक मजदूरों को सैलरी देता हूं। फिर भी मुझे दो लाख की मंथली प्रौफिट हो रहा है।

Santosh told that I am getting monthly profit of two lakhs.
संतोष ने बताया की मुझे दो लाख की मंथली प्रौफिट हो रहा है

एक मशीन से 18 घंटे में 250 मोजा का निर्माण

उन्होंने बताया कि मैं चार मशीन लगाये है एक मशीन से 18 घंटे में 250 मोजा का निर्माण होता है।कुल 4 मशीनें यहां रन कर रही है। संतोष की मंशा है कि उनके गांव के प्रत्येक बेरोजगार युवकों को काम मिले।कोरोना काल के पूर्व संतोष कुमार रिलायंस के कोल्हापुर स्थित धागा फैक्ट्री में बतौर चीफ इंजीनियर के पद पर कार्यरत थे।

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