बिहार में 45 सालों से हो रहा नॉनस्टॉप ‘लिट्टी महोत्सव’, जुटते हैं आम से लेकर खास, देखें तस्वीरें
बिहार का फेमस फूड लिट्टी-चोखा आज किसी पहचान की मोहताज नहीं है। अब यह सिर्फ बिहार का व्यंजन न रहकर इंटरनेशनल फूड भी बन गया है। कई बार तो देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सार्वजनिक रूप से खुलकर लिट्टी-चोखा की खासियत बतायी है, और इसके लजीज स्वाद का आनंद भी लिया है। लेकिन, लिट्टी-चोखा से जुड़ी एक और खास बात है, जो आज आपको जाननी चाहिए। दरअसल बिहार की राजधानी पटना में एक जगह ऐसी भी है, जहां पिछले 45 सालों से लगातार ‘लिट्टी महोत्सव’ का आयोजन किया जाता रहा है।
बताया जाता है, कि मातृउद्बोधन आश्रम, यारपुर के संस्थापक संरक्षक श्री श्री 1008 गुरुदेव बलराम जी महाराज की ओर से 1976 से ही पुराने साल की विदाई और नए साल के आगमन के अवसर पर लिट्टी महोत्सव का आयोजन किया जाता रहा है। 2017 में बलराम जी महाराज के निधन के बाद से उनके बेटे और पौत्र इस परंपरा का निर्वहन करते आ रहे हैं। इस बार भी 2021 में बलराम जी महाराज के बेटे शमशेर सिंह और उनके परिवार के सदस्यों द्वारा लिट्टी महोत्सव का आयोजन 29 दिसंबर यानि बुधवार को किया गया।
आम से लेकर खास हर किसी को न्योता
इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए बलराम जी महाराज के पौत्र सौरव सिंह बताते हैं, कि इस लिट्टी महोत्सव में आम से लेकर खास हर किसी को न्योता दिया जाता रहा है। इस महोत्सव में देश के दिग्गज नेता, कलाकार, धर्मगुरु, समाजसेवी, मीडिया बंधुओं समेत आमजन को भी बुलाया जाता है। सभी लोग एक साथ मिलकर यहां लिट्टी चोखा के स्वाद का आनंद लेते हैं। लालू प्रसाद यादव भी यहां आ चुके हैं।
गजब स्वाद है हमारी लिट्टी में
इस बार लिट्टी महोत्सव एक साथ टैगलाइन के साथ आयोजित किया गया। इस बार का टैगलाइन है- ‘सोंधी खुशबू है हमारी मिट्टी में, गजब स्वाद है हमारी लिट्टी में’। इसी टैगलाइन के साथ शमशेर सिंह और उर्मिला सिंह ने लिट्टी महोत्सव में लोगों को आने का निमंत्रण भेजा था।
सौरव सिंह बताते हैं कि इस लिट्टी महोत्सव में विशेष रूप से मेहमानों को लिट्टी-चोखा खिलाया जाता है। इसके साथ ही आचार, चटनी आदि का भी प्रबंध रहता है। वहीं मीठे व्यंजन के रूप में गाजर का हलवा भी रहता है। सौरव सिंह का कहना है कि उनके बाबा बलराम जी महाराज ने जब इसकी शुरुआत की थी तो लोग बिलकुल देसी अंदाज में जमीन पर बैठक ही लिट्टी के स्वाद का आनंद लेते थे। उस दौर की बात ही खास थी।
लिट्टी महोत्सव में कई चीजें बदली
बताया जाता है कि बदलते समय के अनुसार लिट्टी महोत्सव में कई चीजें भी बदली हैं। पहले लिट्टी महोत्सव में लिट्टी बनाने के लिए बलराम जी महाराज के कई अनुयायी ही पहुंच जाते थे, लेकिन अब कारीगरों को लिट्टी बनाने के लिए बुलाया जाता है। बताया जाता है कि बलराम जी महाराज के कई अनुयायी इस खास आयोजन में बड़ी दूर-दूर से शिरकत करने आते थे।
इस आयोजन को सफल बनाने के लिए पुरुष-महिलाएं एक साथ मिलकर जिम्मेदारियों को बांटते थे। बलराम जी महाराज खुद इस आयोजन की निगरानी करते थे। इस बार भी लिट्टी-चोखा बनाने के लिए विशेष रूप से कारीगरों को बुलाया गया। कई कारीगर लगातार लिट्टी सेंकते नजर आएं।
लिट्टी महोत्सव से जुड़े प्रियदर्शी पांडेय ने बताया कि हर वर्ष की तरह इस बार भी इस कार्यक्रम में कई दिग्गज शामिल हुए। इस बार सांसद रामकृपाल यादव, आरजेडी नेता श्याम रजक, अबुदलबारी सिद्दीकी, पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह, बीजेपी एमएलसी निवेदिता सिंह, जेडीयू एमएलसी रीना यादव, डॉक्टर अमूल्या सिंह, जेडीयू नेता छोटू सिंह, जेडीयू नेता विशाल वर्मा, प्रदीप उपध्याय समेत कई अन्य मेहमान शामिल हुए।
इनपुट – NEWS18