Now only CNG and e-vehicles will operate in Bihar schools

बिहार के स्कूलों में होगा अब केवल CNG और ई-वाहनों का परिचालन, जानिए नई गाइडलाइन नहीं तो होगी परेशानी

बढ़ते प्रदुषण को देखते हुए देश के प्रत्येक राज्य की सरकारें अब सीएनजी वाहनों पर लोगो को शिफ्ट करने का प्रयास कर रही है। बिहार सरकार भी इसके लिए कार्यरत है और मुजफ्फरपुर के सभी स्कूलों में सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों का परिचालन होगा। जानिए खबर।

आने वाले समय में डीजल वाले वाहनों का परिचालन पूरी तरह से बंद होगा। इसके लिए स्कूल संचालकों को यथासंभव अपने डीजल वाहनों को सीएनजी में बदलना होगा। इसके लिए गाइडलाइन भी जारी की गई है।

Operation of CNG and Electric vehicles in schools
स्कूलों में सीएनजी और इलेक्ट्रिक वाहनों का परिचालन

जिले में केवल CNG और ई-वाहनों का होगा परिचालन

जिले के सभी स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं की वे अपने डीजल वाहनों को सीएनजी में बदले या उसे हटाकर उसकी जगह नये इलेक्ट्रिक वाहन का परिचालन करें। स्कूल संचालक उक्त वाहन किराये पर चलवा रहे हों या खुद के वाहन हों, सभी को इस नियम का पालन करना होगा।

electric buses will be run in schools
स्कूलों में चलाई जाएंगी इलेक्ट्रिक बसें

जानकारी के लिए बता दें कि इस संबंध में परिवहन विभाग ने गाइडलाइन जारी किया है। इसका अनुपालन कराने के लिए जल्द कवायद शुरू होगी। खबर है कि कुछ स्कूलों ने सीएनजी व इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद शुरू भी कर दी है।

मुख्यालय ने जारी किया गाइडलाइन

डीटीओ सुशील कुमार के अनुसार, इस संबंध में मुख्यालय ने गाइडलाइन जारी किया है। इससे पूर्व सभी स्कूलों में बाल परिवहन समिति का गठन होगा, जो सरकार द्वारा स्कूल बसों के लिए जारी मानकों का पालन करायेगी। सभी स्कूल प्रबंधन को इससे अवगत कराने के लिए नोटिस दिया गया है।

गाइडलाइन के नियमों के उल्लंघन करने पर चालक, वाहन स्वामी व स्कूल प्रबंधन पर अलग-अलग अधिकतम एक-एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जायेगा। एक ही गलती बार-बार करने पर चालक का लाइसेंस व वाहन का परमिट रद्द कर स्कूल प्रबंधन के विरुद्ध कार्रवाई की अनुशंसा शिक्षा विभाग से होगी। जुर्माने की राशि नहीं देने पर डीटीओ कार्रवाई करेगी।

इन पैमानों के साथ चलेंगी स्कूली वाहन  

सरकार द्वारा स्कूली वाहनों के लिए कुछ मानक तय किये गए हैं जो निम्न है।

  • वाहन का रंग पीला, सुनहरा भूरे रंग का पेंट कराकर उस पर स्कूल का नाम लिखा होना चाहिए।
  • लीज व किराये के वाहन पर ऑन स्कूल डयूटी लिखना है न कि स्कूल बस, स्कूल के नाम पर पंजीकृत वाहन पर लिखा जायेगा ‘स्कूल बस’।
  • गति अधिकतम 40 किमी प्रति घंटा, फर्स्ट एड बॉक्स, जीपीएस, पैनिक बटन, भीएलटीडी, रिफ्लेक्टिव टेप, ट्रैकिंग डिवाइस वाहन में अनिवार्य होगा।
  • स्कूली वाहन में स्कूल बैग रखने की पर्याप्त सुविधा हो, ताकि बच्चे आराम से बैठ सकें।
  • दिव्यांग बच्चो के लिए विशेष सुविधा रखें ताकि उन्हें चढ़ने-उतरने में दिक्कत न हो।
  • आठ साल तक के नये वाहन को दो साल, अन्य वाहनों का सालान फिटनेस होगा जारी
  • बस में दो आपातकालीन द्वार, खिड़की के पास ग्रिल, सीसीटीवी लगाना और 60 दिनों का फुटेज स्टोरेज स्कूल प्रबंधन की जिम्मेवारी होगी।
  • प्रत्येक स्कूल एक परिवहन प्रभारी रखेंगे, जो प्राचार्य के साथ मानक के अनुपालन की करेंगे जांच।
  • स्कूल कैंपस में वाहन के पार्किंग के लिए अलग से व्यवस्था होनी चाहिए।
  • क्षमता से अधिक बच्चो
  • को नहीं बैठाना।
  • बस के अंदर मार्ग, समय सारणी का नक्शा जरूरी।

इसके अलावे भी कुछ अन्य नियम जारी किये गए हैं जिसे स्कूल प्रबंधन और बस मालिक को फॉलो करने होंगे। आने वाले समय में राज्य के सभी स्कूलों में नए गाइडलाइन को सख्ती से लागु किया जा सकता है।

bpsc batch perfection ias
प्रमोटेड कंटेंट

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *