People Said Marriage Will Not Happen If You Become Agniveer

फौजियों के गांव को नहीं पसंद है सेना के लिए अग्निपथ स्कीम, लोग बोले अग्निवीर बनने पर नहीं होगी शादी

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की तरफ से अग्निपथ स्कीम के ऐलान के अगले दिन से ही बिहार झुलस रहा है। यहां से उठी विरोध की चिंगारी अब पूरे देश में फैल गई है। इस योजना पर फौजियों के गांव के नाम से मशहूर पटना के रतनपुर टोला गांव का क्या रुख है? यह जानने मीडिया ग्राउंड जीरो पर पहुंचा। यह गांव पटना शहर से 23 किमी की दूरी पर है। शुक्रवार दोपहर जब टीम पहुंची तो गांव में सन्नाटा पसरा था। चिलचिलाती धूप में गांव में एंट्री के बाद कुछ दूर तक कोई नहीं दिखा। सड़कें सुनसान थी। घरों के दरवाजे बंद थे।

तभी कुछ महिलाएं और बुजुर्ग गर्मी से बेहाल पेड़ के नीचे मिले। बतकही चालू हुई तो पता चला कि गांव के युवा आंदोलन करने गए हैं, शाम तक आ जाएंगे। 6 हजार की आबादी वाले गांव में करीब 1600 से अधिक लोग सेना में तैनात हैं। हमने कुछ ऐसे परिवार से बात की, जिनके बच्चे सेना में जाने का सपना संजोए हुए हैं। इसमें से कोई ऐसा नहीं मिला जो सरकार के इस फैसले से खुश हो। पढ़िए दैनिक भास्कर में छपी उनसे पूरी बातचीत…

More than 1600 people deployed in the army in a village with a population of 6 thousand
6 हजार की आबादी वाले गांव में करीब 1600 से अधिक लोग सेना में तैनात

सरकार बदलने में 5 साल, हमें निकालने में 4 साल

फौज में भर्ती के लिए 3 साल से तैयारी कर रहे राहुल कुमार ने बताया, ‘सरकार को बदलने में 5 साल लगता है, लेकिन हमको सिर्फ 4 साल में ही निकाल दिया जाएगा। 4 साल तो सीखने में ही बीत जाएगा। फिर 4 साल बाद हम क्या करेंगे? बेरोजगारी से इधर उधर घूमने के सिवा हमारे पास कोई उपाय नहीं बचेगा।

Ratanpur Tola village of Patna, popularly known as the village of soldiers
फौजियों के गांव के नाम से मशहूर पटना के रतनपुर टोला गांव

इसलिए सरकार जब तक इस योजना को हटा नहीं देते हमारा विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।’ वहीं, रजनीश कुमार ने बताया कि 4 सालों से वैकेंसी बंद थी और अब जब बच्चों की रिटेन परीक्षा होने वाली थी तभी इसको कैंसिल कर दिया गया और अग्निवीर की आग में झोंक दिया गया।

खुद चल नहीं सकते लेकिन बेटे को सेना में भेजना सपना

शत्रुघ्न ठाकुर एक्सीडेंट के कारण अब अपनी पैरों से नहीं चल सकते हैं। उनका सपना है, ‘बेटा सेना में जाकर नाम देश की सेवा करेगा। बच्चों के सलेक्शन के लिए दानापुर तैयारी के लिए भेजा हूं। अब सरकार 4 साल की नौकरी निकालकर सबके सपनों को मार रही है।

Rahul Kumar (left), Rajnish Kumar (center), Jeermanti Devi (right)
राहुल कुमार (बाएं), रजनीश कुमार (बीच में), जीर्मांती देवी (दाएं)
फोटो साभार : दैनिक भास्कर

मेरा लड़का बचपन से ही होनहार है, इसलिए हमने खुद को खाली पेट रखकर बच्चे को पढ़ाया। अग्निपथ बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है, क्योंकि 4 साल की नौकरी के बाद मेरे बेटे का क्या होगा?’

4 साल के बाद रोजगार छीन जाने पर नहीं होगी शादी

विजेंद्र कुमार ने कहा, ‘मेरा बेटा 3 सालों से तैयारी कर रहा था और 4 साल की नौकरी की योजना लाकर नौजवान के भविष्य की हत्या की जा रही है। हमें ऐसा लगता था कि फौजी की शादी जल्दी हो जाती है, इसलिए उम्मीद थी कि मेरा बेटा फौजी बनें। इस योजना के बाद जब मेरा बेटा बेरोजगार हो जाएगा, तो उससे शादी कौन करेगा? ऐसे लड़के से कोई शादी नहीं करना चाहेगा। जिसके पास कोई नौकरी ना हो।

आखिरकार 4 साल के बाद मेरा बेटा गांव में मिट्टी ढोने का ही काम करेगा तो पढ़ाने का क्या फायदा? पहले फौजी 17 साल में देश का सेवा अच्छे से कर पाते थे, लेकिन 4 साल में कितना ही सेवा करेंगे?

Shatrughan Thakur (left), Vijender Kumar (center), Banarasi (right)
शत्रुध्न ठाकुर (बाएं), विजेंद्र कुमार (बीच में), बनारसी (दाएं)
फोटो साभार : दैनिक भास्कर

कहीं बेटा सुसाइड न कर ले

जीर्मांती देवी ने बताया, ‘बच्चे का मेडिकल निकले दो साल हो गया है। अब सुन रही हूं कि सरकार ने उसको कैंसिल कर दिया है। हमारे घर की आर्थिक स्थिति खराब है, ना तो हमारे पास रहने के लिए घर है और ना ही खाने के लिए भर पेट खाना।

दुख सहकर बच्चे को पढ़ा रहे हैं ताकि बेटे की नौकरी हो जाए। इस योजना के आने के बाद कुछ बच्चों ने सुसाइड किया है। इससे हमें डर है कि इतनी मेहनत करने के बाद बेरोजगारी की वजह से कहीं मेरा बेटा अपने साथ कुछ गलत ना कर लें।’

सुबह 3 बजे से दौड़ने निकल जाते है बच्चे

फौजी वाले इस गांव में सेना में बहाली के लिए बच्चों में बहुत जुनून है। बनारसी ने बताया, ‘मेरा बच्चा सुबह 3 बजे से दोस्तों के साथ दौड़ने निकल जाता है। लगातार 4 साल से बेटा तैयारी कर रहा है। 4 साल की नौकरी के बाद जिस योजना की सरकार बात कर रही है हमें उस पर भरोसा नहीं है।

क्योंकि सरकार वैकेंसी नहीं दे रही है और परीक्षा लेने के वक्त योजना ही बदल दे रही है। इस नियम को जब तक नहीं हटा दिया जाता है, हमारा विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।’

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