बिहारी ड्रोन के PM नरेंद्र मोदी ने की सराहना, नितीश कुमार हुए फैन, जाने क्या है खासियत
बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के वेंचरपार्क बिजनेस आइडिया कंपीटिशन में स्टार्टअप देवेश झा को प्रथम स्थान मिला है। 12 मार्च को ज्ञान भवन में आयोजित बिहार स्टार्टअप्स कांक्लेव में इन्हें सम्मानित किया जाएगा। एक नई सोच ने देवेश को देश के साथ ही दुनिया भर में मशहूर कर दिया है। इनके बनाए ड्रोन का इस्तेमाल करने के लिए हालैंड और सूरीनाम भी इच्छुक हैं। इस ड्रोन की सराहना पीएम नरेन्द्र मोदी कर चुके हैं तो नीतीश भी इसके मुरीद हैं।
12वीं पास देवेश झा मधुबनी जिले के खजौली ब्लाक के कन्हौली गांव के रहने वाले हैं। 2017 में इन्होंने फसलों की समुचित देखरेख, बीमारियों का पता लगाने और कीटनाशक का छिड़काव करने के लिए ड्रोन बनाया। ड्रोन से फसलों की फोटोग्राफी कर आनलाइन मार्केटिंग की भी सुविधा किसानों को दी।
![Startup Devesh Jha](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/03/Startup-Devesh-Jha.jpg)
कैसा है ड्रोन?
यह ड्रोन सामान्य ड्रोन से थोड़ा बड़ा है। इसका वजन 25 किलो है। यह 50 किलो मीटर तक की दूरी तय कर सकता है। यह फ्यूल के साथ ही बैटरी से भी चलता है। यह एक घंटे में करीब चार लीटर फ्यूल की खपत करता है।
![Startup Devesh Jha got first place in Venturepark Business Idea Competition](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/03/Startup-Devesh-Jha-got-first-place-in-Venturepark-Business-Idea-Competition.png)
वैक्सीन भी की जा चुकी डिलीवर
स्टार्टअप देवेश झा ने बताया कि कोरोना काल में आइसीएमआर के साथ मिलकर नार्थ इस्ट में इस ड्रोन से वैक्सीन भी डिलीवर की गई। यह बात जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तक पहुंची तो उन्होंने ने भी इस प्रोजेक्ट की सराहना की।
![Vaccine also delivered from this drone in the North East](https://ararianews.com/wp-content/uploads/2022/03/Vaccine-also-delivered-from-this-drone-in-the-North-East.jpg)
नई सोच से बने स्टार्टअप को मिली फंडिंग
इस नई सोच को देखते हुए 2017 में ही बिहार सरकार और वर्ष 2018 में भारत सरकार ने स्टार्टअप के रूप में इनका चयन किया। इसके बाद भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली से पांच लाख रुपये का ग्रांट मिला। अलावा, एंजल इन्वेस्टर ने 3.5 करोड़ रुपये की अलग से फंडिंग की।
मुख्यमंत्री भी हुए मुरीद
देवेश झा कहते हैं – 22 फरवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी ड्रोन की कार्यशैली को देखा , और शराबबंदी में भी इसके उपयोग को लेकर निर्णय लिया गया। बिहार कृषि विश्वविद्यालय तो पहले से ही इस ड्रोन का उपयोग कर रहा है।
देश के बाद विदेश में पहुंचा ड्रोन
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के अलावा हरियाणा सरकार, छत्तीसगढ़ सरकार भी मेरे ड्रोन प्रोजेक्ट का लाभ ले रही है। अब हौलैंड और सूरीनाम से भी ड्रोन प्रोजेक्ट की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि ड्रोन के साथ एक साफ्टवेयर को जोड़ा गया है। इससे बीमारियों का सेंसर के जरिए सटीक जानकारी मिल रही है।
हर जिले में होगा किसान स्टेशन
उन्होंने कहा कि पूरे सिस्टम को मैंने किसान स्टेशन नाम दिया है जबकि मेरी कंपनी का नाम डे बेस्ड रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड है। मोकामा , मोतीहारी और मधुबनी में किसान स्टेशन मैंने स्थापित किया है। अब बिहार के हर जिले में किसान स्टेशन स्थापित किए जाएंगे।