बिहार के 28 स्टेशनों पर खुलेंगे यात्री सुविधा केंद्र, बेरोजगार युवाओं के लिए रेलवे की अनोखी पहल
बिहार में कोसी क्षेत्र के 28 रेलवे स्टेशन पर शिक्षित बेरोजगार युवाओं को रोजगार देने के लिए एक अनोखी पहल की शुरुआत की जा रही है। भारतीय रेलवे अब सहरसा, सिमरी बख्तियारपुर, मधेपुरा, सुपौल, झंझारपुर, रोसरा, लहेरियासराय, बनमनखी, पूर्णिया कोर्ट, मुरलीगंज सहित 28 रेलवे स्टेशनों पर पीआरएस एवं यूपीएस टिकट काटने के लिए यात्री सुविधा केंद्र खोलने जा रही है। जिसके लिए रेलवे ने काम शुरू कर दिया है।

फिलहाल तीन साल के लिए मिल रहा लाइसेंस
फिलहाल रेलवे यात्री सुविधा केंद्र खोले जाने के लिए तीन साल का लाइसेंस दे रहा है। तीन वर्ष की अवधि समाप्त होने के बाद अधिकारियों द्वारा संतोषजनक काम को देखते हुए इसे बढ़ाया जा सकता है। इसके लिए निर्धारित लाइसेंस शुल्क भी रेलवे को देना होगा।

रेलवे ने 29 जुलाई तक आवेदन देने की अंतिम तिथि निर्धारित की है। चयन पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किया जाएगा। लेकिन इससे पहले रेलवे के वेबसाइट पर उपलब्ध सभी शर्तें और प्रक्रिया चयन अभ्यर्थियों को पूरी करनी होगी।
सारी जानकारी वेबसाईट पर है उपलब्ध
इस सुविधा केंद्र पर काम करने के लिय जिन अभ्यर्थियों का चयन होगा। उन्हें संबंधित स्टेशनों के बाहर यात्री सुविधा केंद्र खोलकर रेलवे का अनारक्षित और आरक्षित टिकट काटना होगा। इसके लिए आवेदन प्रक्रिया की पूरी जानकारी रेलवे की वेबसाइट पर उपलब्ध करा दी गयी है। इच्छुक अभ्यर्थी आधिकारिक वेबसाईट से सारी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
थोड़ी ढीली हो सकती है जेब
इस सुविधा के शुरू हो जाने के बाद अब यात्रियों को रेलवे स्टेशन स्थित पीआरएस काउंटर पर लंबी कतार में खड़ा होने की जरूरत नहीं होगी। यात्री अपनी सुविधा के अनुसार रेलवे स्टेशन के बाहर भी आरक्षित टिकट को बनवा सकते हैं।

इन स्टेशनों पर पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशीप माडल की तर्ज पर यात्री टिकट सुविधा केंद्र खोला जाएगा। हालांकि इस सुविधा का लाभ लेने वाले यात्रियों की जेब थोड़ी ढीली हो सकती है।
