बिहार के दसवीं पास छात्र रोहित ने किया कमाल, खोजी बिजली उत्पादन की सबसे सस्ती तकनीक, सरकार से किया आग्रह

बिहार के जमुई जिला के रहने वाले दसवीं पास युवक रोहित कुमार ने तकनीकी के क्षेत्र में नया कीर्तिमान स्थापित किया है। रोहित ने सिर्फ दसवीं तक ही पढ़ाई की है लेकिन उन्होंने एक ऐसी टेक्नोलॉजी तैयार की है, जिसकी मदद से हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्लांट में पानी के वेस्टेज को पूरी तरह से रोका जा सकेगा और उससे बिजली तैयार (Technology for power generation) हो सकेगी।

रोहित की इस तकनीक का नाम है प्रोटोटाइप फंक्शनल हाइड्रो लिफ्टिंग टेक्नोलॉजी (Prototype Function Hydro Lifting Technology)। रोहित के प्रोजेक्ट और उनकी टेक्निक का डेमोंसट्रेशन चंद्रगुप्त इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट पटना के कैंपस में लगा हुआ है। जहां बुधवार को बिहार सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार (Minister Sumit Kumar) ने इसका डेमोंसट्रेशन देखा।

The name of this technology of Rohit is Prototype Functional Hydro Lifting Technology.
रोहित की इस तकनीक का नाम है प्रोटोटाइप फंक्शनल हाइड्रो लिफ्टिंग टेक्नोलॉजी
Credits: ETV Bharat

तकनीकी से जुड़े पुस्तकें पढ़कर ईजाद की टेक्निक

अपने प्रोजेक्ट के डेमोंसट्रेशन के बाद रोहित कुमार ने बताया कि बचपन में उनके गांव में बिजली कटने की काफी समस्या रहती थी और काफी कम समय बिजली रहती थी। बिजली के कारण पढ़ाई लिखाई में भी रात के समय काफी परेशानी होती थी। लेकिन उन्होंने दसवीं तक ही पढ़ाई की और इसके बाद उनकी पढ़ाई बाधित हो गई।

लेकिन उन्होंने विज्ञान और तकनीकी से जुड़े पुस्तकों की पढ़ाई लगातार जारी रखी क्योंकि इन पुस्तकों को पढ़ना उन्हें अच्छा लगता था। इन किताबों को पढ़ते-पढ़ते उन्हें हाइड्रो इलेक्ट्रिसिटी और हाइड्रो लिफ्टिंग जैसे विषयों पर काफी ज्ञान हुआ।

उन्होंने बताया कि हाइड्रो इलेक्ट्रिसिटी प्रोजेक्ट में अपर रिजर्ववायर से लोवर रिजर्ववायर में पानी जाता है। इस दौरान बीच में टरबाइन के पास से इलेक्ट्रिसिटी जनरेट किया जाता है, लेकिन लोअर रिजर्व वायर में पानी जाने के बाद पूरा पानी बर्बाद हो जाता है और बहा दिया जाता है।

हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्लांट में होगी पानी की बचत

रोहित ने बताया कि लोअर रिजर्व वायर से अपर रिजर्व वायर में पानी लिफ्ट करने पर 3 गुना ऊर्जा की आवश्यकता होती है। यानी कि यदि एक बार में हाइड्रो इलेक्ट्रिसिटी प्लांट के अपर रिजर्व वायर से लोअर रिजर्व वायर में पानी आने पर 100 किलोवाट ऊर्जा उत्पन्न हो रही है तो यही अगर उल्टा करें तो 300 किलो वाट की आवश्यकता पड़ेगी।

इसीलिए हाइड्रो इलेक्ट्रिसिटी पावर प्लांट में डैम से पानी उतरने के बाद पूरा पानी बहा दिया जाता है। उन्होंने जो तकनीक ईजाद की है, इसमें हाइड्रो लिफ्टिंग टेक्निक के माध्यम से 15% ऊर्जा के उपयोग के साथ पानी के वेस्टेज को बचा लिया जाता है।

Water will be saved in hydro electric power plant
हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर प्लांट में होगी पानी की बचत

उन्होंने बताया कि अपर रिजर्ववायर से लोअर रिजर्ववायर में पानी फ्लो कराकर टरबाइन के माध्यम से एक बार में यदि 100 किलो वाट ऊर्जा का उत्पादन किया जा रहा है तो 15 किलो वाट ऊर्जा के इस्तेमाल से लोअर रिजर्ववायर का पानी फिर से अपर रिजर्ववायर में चला जाएगा।

बिहार सरकार और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री से किया आग्रह

“इस तकनीक को लेकर मैं कई इंजीनियरिंग कॉलेज में गया। आईआईटी पटना में भी इस प्रोजेक्ट को काफी सराहा गया। उसके बाद मैनें इसका पेटेंट ले लिया है। इस टेक्निक के माध्यम से पायलट प्रोजेक्ट के तहत एक से 2 मेगा वाट बिजली उत्पादन के लिए बिहार सरकार और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार से आग्रह किया है।

Requested Bihar Government and Science and Technology Minister for one to 2 mega watt power generation under pilot project
पायलट प्रोजेक्ट के तहत एक से 2 मेगा वाट बिजली उत्पादन के लिए बिहार सरकार और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री से आग्रह किया

इसके लिए जितने भी डॉक्यूमेंट और कागज होंगे वह तैयार करके सरकार के पास जमा करना होगा। 3 एकड़ के एरिया में इस तकनीक के माध्यम से 1 मेगावाट बिजली का उत्पादन आसानी से हो सकता है”- रोहित कुमार,छात्र

‘बिहार के युवा कर रहे हैं नए-नए इन्वेंशन’

वहीं, बिहार सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री सुमित कुमार ने प्रोजेक्ट के डेमोंसट्रेशन को देखने के बाद कहा कि उन्हें यह प्रोजेक्ट काफी पसंद आया है और इस बात की काफी खुशी है कि तकनीक के क्षेत्र में नया इन्वेंशन बिहार के युवा कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि इस प्रोजेक्ट में उन्हें जानकारी मिली है कि 3 एकड़ के एरिया में 1 मेगा वाट बिजली का उत्पादन आसानी से किया जा सकता है जो अपने आप में बड़ी बात है। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट को बिहार सरकार के अधिकारी भी बारीकी से देख रहे हैं और इस प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए जो भी संभव हो पाएगा वह मदद करेंगे।

perfection ias bpsc toppers
प्रमोटेड कंटेंट

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *