बिहार में कारों की बिक्री का बन सकता है नया रिकॉर्ड, गरीब राज्य में चारपहिया खरीदने की लगी होड़, पढ़े रिपोर्ट
बिहार में इस साल चार पहिया वाहनों की बिक्री ने नया रिकार्ड बनाया है। वर्ष 2022 में 31 अगस्त तक 56 हजार से अधिक चार पहिया वाहन राज्य में बिके हैं। यह अब तक का रिकार्ड है। परिवहन विभाग के अनुसार, गाडिय़ों की खरीदारी करने वाले लोगों में कार के प्रति दिलचस्पी बढ़ी है।
पिछले सात-आठ साल में ही चार पहिया वाहनों की बिक्री में दोगुना से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। दिसंबर तक वाहनों की बिक्री की यह रफ्तार जारी रही तो इस साल कारों की बिक्री का पिछले 10 वर्षों का रिकार्ड टूट जायेगा।

पिछले साल से सात हजार अधिक वाहन बिके
विभाग के अनुसार एक जनवरी से 31 अगस्त के बीच 56 हजार 932 चार पहिया वाहनों का निबंधन राज्य में हुआ है, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में मात्र 49 हजार 784 चारपहिया गाडिय़ों की बिक्री हुई थी। कोरोना से बुरी तरह प्रभावित वर्ष 2020 में मात्र 34 हजार 389 कार ही बिके थे।

इसके पहले वर्ष 2019 में भी मात्र 39 हजार कारों की बिक्री हुई थी। इससे पहले वर्ष 2018 में इतनी तेजी से कारों की बिक्री हुई थी। उस वर्ष 50 हजार 628 कारों की बिक्री हुई थी। वहीं 2017 में मात्र 29 हजार 871, वर्ष 2016 में 28 हजार 885, 2015 में 25 हजार 199 जबकि 2014 में 25 हजार 517 कारों की बिक्री हुई थी।
सीएनजी व इलेक्ट्रिक वाहनों का भी बढ़ा चलन
राज्य में सामान्य वाहनों के अलावा सीएनजी व इलेक्ट्रिक से चलने वाले वाहनों का चलन भी बढ़ा है। पिछले वर्षों की तुलना में इस साल अगस्त तक ही दो-तीन गुना अधिक गाडिय़ों की बिक्री हो चुकी है।
परिवहन विभाग के अनुसार अगस्त तक 10 हजार 212 सीएनजी से चलने वाली गाडिय़ों की बिक्री हुई है, जबकि इलेक्ट्रिक से चलने वाली 29 हजार 201 गाडिय़ों की बिक्री की गई। पिछले वर्ष एक साल में सीएनजी से चलने वाली मात्र 7239 गाडिय़ां और इलेक्ट्रिक से चलने वाली 23 हजार 82 गाडिय़ों की ही बिक्री हो सकी थी।

वर्ष 2020 में सीएनजी से चलने वाली 2719 और इलेक्ट्रिक से चलने वाली 12 हजार 447 गाडिय़ां ही बिकी थीं जबकि साल 2019 में सीएनजी से चलने वाली 3586 और इलेक्ट्रिक से चलने वाली 12 हजार 381 गाडिय़ां बिकी थीं। वहीं वर्ष 2018 में इलेक्ट्रिक से चलने वाली मात्र 8469 गाडिय़ां और वर्ष 2017 में 3593 गाडिय़ों की ही बिक्री हुई थी।
