बिहार में स्कूल से लेकर विश्वविद्यालय तक दिखेगा बदलाव, स्मार्ट क्लास और नई शिक्षा नीति पर जोर
बिहार में शिक्षा के क्षेत्र में कई बदलाव आने वाले दिनों में देखने को मिलेंगे। इनका असर हाई स्कूल से लेकर कालेज और यूनिवर्सिटी तक देखने को मिलेगा। उन्नयन बिहार प्रोजेक्ट के तहत राज्य के 2,379 माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में अक्टूबर तक दो-दो स्मार्ट क्लास संचालित होने लगेंगे। इसी तरह, राज्य के सभी विश्वविद्यालयों और अंगीभूत महाविद्यालयों के शिक्षकों को अब नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
स्मार्ट क्लास के लिए मिलेगी निर्बाध बिजली

बिहार में शिक्षा विभाग के मुताबिक चयनित विद्यालयों में स्मार्ट क्लास का निर्माण का कार्य अंतिम चरण में है। इस प्रोजेक्ट पर 115 करोड़ रुपये खर्च किया जा रहा है। स्मार्ट क्लास के लिए बिजली की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करायी गयी है।
स्मार्ट क्लास के लिए मिला कंप्यूटर और प्रोजेक्टर
माध्यमिक शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि अगले पखवारे तक संबंधित माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में स्मार्ट क्लास प्रोजेक्ट के क्रियान्वयन का कार्य पूरा करा लें ताकि अगले माह से छात्र-छात्राओं को स्मार्ट क्लास की सुविधा मिल सके।

स्मार्ट क्लासेज के लिए कंप्यूटर और प्रोजेक्टर उपलब्ध करा दिया गया है। इसके लिए पाठ्यक्रम से संबंधित मैटेरियल का साफ्टवेयर भी उपलब्ध कराया गया है। स्मार्ट क्लास का संचालन हेतु विज्ञान शिक्षकों को राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) से विशेष प्रशिक्षण दिलाया जा रहा है।
विश्वविद्यालय शिक्षक पढ़ेंगे नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति का पाठ
इधर, विश्वविद्यालयों और कालेजों में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रशिक्षण के लिए शिक्षा मंत्रालय की ओर से राज्य सरकार को एडवाइजरी जारी की गई है। अमल करने के लिए शिक्षा विभाग ने कुलपतियों को निर्देश जारी कर दिया है।

इसके मुताबिक सभी स्थायी प्राध्यापकों से लेकर अतिथि शिक्षकों को 36 घंटे का कोर्स वर्क पूरा करना होगा। इसके लिए छुट्टी लेने की जरूरत नहीं होगी।
इग्नू ने तैयार किया स्पेशल कोर्स
इग्नू द्वारा 36 घंटे का कोर्स तैयार किया गया है, जिसे यूजीसी से मंजूरी मिल गई है। इसमें नई शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिए उसके प्रमुख प्रविधानों के बारे में शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा। करियर एडवांसमेंट स्कीम के तहत इस कोर्स को न्यूनतम छह दिन और अधिकतम नौ दिन में पूरा करना होगा।

अनिवार्य होगा 36 घंटे का कोर्स
शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक सभी विश्वविद्यालयों और अंगीभूत महाविद्यालयों में कार्यरत स्थायी एवं अतिथि शिक्षकों को 36 घंटे का कोर्स करना अनिवार्य होगा। यूजीसी और इग्नू को शिक्षकों को नयी शिक्षा नीति-2020 के कार्यान्वयन के लिए प्रशिक्षण देने का दायित्व सौंपा गया है।
मिलेगा 6 दिनों का मुफ्त प्रशिक्षण
उच्च शिक्षा से जुड़े सभी अध्यापक चाहे वह स्थायी हो, अंशकालिक अथवा अतिथि प्रवक्ता हो, इस प्रशिक्षण के लिए पात्र होंगे। इग्नू के सभी क्षेत्रीय केंद्रों को संबंधित जिलों के शिक्षकों को प्रशिक्षित करने की जिम्मेदारी दी गयी है। छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम पूर्णत निशुल्क होगा। इसी माह से शिक्षकों को प्रशिक्षण देना से प्रारंभ होगा।
