बिहार का ऐसा स्कूल जहाँ बच्चों के साथ शिक्षक भी आते है ड्रेस में, प्रधानाध्यापक ने निजी फंड से बनवाया

बिहार के गया जिले में एक ऐसा स्कूल भी है जहां, बच्चों के साथ विद्यालय के शिक्षक भी ड्रेस पहनते हैं। यहां ड्रेस कोड का अनुपालन किया जा रहा है। बच्चों और शिक्षकों में समान दृष्टिकोण रखने के लिए ड्रेस कोड का नियम अपनाया गया है। बांकेबाजार के उत्क्रमित उच्च विद्यालय मोनेयां और मध्य विद्यालय नावाडीह में ड्रेस कोड शुरू किया गया है।

स्कूल के बच्चे और शिक्षकों में आपसी समन्वय स्थापित कर समानता की भाव विकसित करने के उद्देश्य से यह पहल शुरू की गई है। पूर्व में बिहार सरकार ने आदेश जारी किया गया था कि सरकारी विद्यालय के शिक्षक भी ड्रेस कोड में रहे। उसी को यहां के विद्यालय ने अमलीजामा पहनाने का काम किया है।

निजी फंड से प्रधानाध्यापक ने शिक्षकों बनवाया ड्रेस

विद्यालय में पहली से दसवीं तक कुल 838 विद्यालय बच्चे नामांकित हैं। सभी बच्चे ड्रेस में विद्यालय पहुंचते हैं। पहली से आठवीं तक 537 बच्चे और नवम से दसवीं तक 301 बच्चे अध्ययनरत हैं।

प्रधानाध्यापक नागेश्वर दास बताते हैं कि अपने निजी फंड से पहली बार सभी शिक्षक और शिक्षिकाओं को ड्रेस बनाकर दिया गया है ताकि विद्यालय के बच्चे शिक्षकों को ड्रेस में देखकर अनुकरण कर सकें।

Dress code has been introduced in Banke Bazars Upgraded High School Monyan and Middle School Nawadih
बांकेबाजार के उत्क्रमित उच्च विद्यालय मोनेयां और मध्य विद्यालय नावाडीह में ड्रेस कोड शुरू किया गया है

बच्चे बड़ों को देखकर अनुसरण करने में तेजी दिखाते हैं। शिक्षकों और बच्चों के बीच समानता हो। बच्चे प्रेरणा लेकर अनुशासित रहें। प्राइवेट की तरह यहां के बच्चे भी एक समान दिखें। यहां शत प्रतिशत बच्चे ड्रेस कोड में आते हैं।

सभी को उपलब्ध कराया गया ड्रेस

प्रधानाध्यापक की पहल पर विद्यालय के सभी 13 शिक्षक व शिक्षिकाएं, पांच रसोईया, एक शिक्षा सेवक व एक रात्रि प्रहरी को ड्रेस उपलब्ध कराया गया है। एक से आठवीं तक के छात्र को ब्लू शर्ट व नेवी ब्लू पैंट, नौवीं से दसवीं तक के बच्चों को वाइट शर्ट और ब्लैक पैंट, शिक्षकों को पिंक शर्ट और नेवी ब्लू पैंट, रसोईया को ग्रीन साड़ी, रात्रि प्रहरी को ब्लू शर्ट व खाकी रंग का पैंट उपलब्ध कराया गया है। इसी तरह मध्य विद्यालय नावाडीह में भी मंगलवार से शिक्षकों ने ड्रेस कोड शुरू किया है।

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